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Uttarakhand

शव लेने आए दरोगा ने महिला को मारा थप्पड़, सियासी पारा चढ़ा, बर्खास्त करने की मांग।

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ऊधमसिंह नगर – चोरी का मोबाइल फोन खरीदने के आरोप में पुलिस ने जिस युवक को 5:30 घंटे चौकी में बैठाने के बाद 1500 रुपये लेकर छोड़ा। अगली सुबह उसका शव घर पर फंदे से लटका मिला। मित्र पुलिस पर आरोप है कि शरीरिक और मानसिक प्रताणना से त्रस्त युवक ने खुदकुशी कर ली। इतना ही नहीं पुलिस जब युवक शव लेने घर पहुंची तो यहां उसकी भाभी को दरोगा ने थप्पड़ भी मारा। इससे नाराज लोग भड़के तो सियासी दबाव में एसएसपी ने दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया।

रम्पुरा वार्ड नंबर 23 निवासी अनिल कोली (25) पुत्र स्व.लेखराज कोली पर मोहल्ले के ही शुभम ने उसका चोरी हुआ मोबाइल खरीदने का आरोप लगाया था। सोमवार शाम करीब छह बजे शुभम ने अनिल के घर जाकर मोबाइल लौटाने के लिए कहा। दोनों के बीच बहस होने पर अनिल के छोटे भाई दिनेश ने चौकी जाकर मामला सुलझाने के लिए कहा। शाम सात बजे दिनेश, अनिल और शुभम चौकी पहुंच गए। शुभम ने पहले ही चौकी में मोबाइल चोरी होने की तहरीर दी थी। पुलिस ने दिनेश और अनिल को चौकी में बैठा लिया जबकि शुभम को घर जाने दिया।

आरोप है कि पुलिस ने अनिल की बेरहमी से पिटाई की। सिपाही ने उसे तीन हजार देकर छोड़ने की बात भी कही। दिनेश ने बताया कि उसने अपने साथी से 1500 रुपये लेकर सिपाही को दिए। रात करीब साढ़े 12 बजे दिनेश अपने भाई अनिल को लेकर घर पहुंचा और अलग कमरे में सो गया। मंगलवार सुबह करीब सात बजे जब परिजनों ने कमरे का दरवाजा खोला तो अनिल का शव फंदे से लटका हुआ मिला।

मौके पर पहुंची पुलिस पोस्टमार्टम के लिए शव ले जाने लगी तो अनिल की भाभी आशा ने भाइयों के आ जाने के बाद शव ले जाने देने की बात कही। अनिल की छोटी बहन पुष्पा के अनुसार पुलिस ने घर में मौजूद सभी लोगों को बाहर कर दिया और कमरे में उनकी भाभी के साथ एक दरोगा ने पिटाई और गाली-गलौज की, जिससे वह बेहोश हो गईं।

परिजन, लोगों का कोतवाली में हंगामा
घटना से नाराज लोगों ने रुद्रपुर कोतवाली में प्रदर्शन कर आरोपी दरोगा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल के बाद विधायक शिव अरोरा और मेयर रामपाल सिंह भी वहां पहुंचे। विधायक ने एसएसपी मंजूनाथ टीसी से फोन पर बात की। इस पर एसएसपी ने दरोगा विपुल जोशी को तुरंत लाइन हाजिर कर मामले की जांच एसपी सिटी को सौंपने के आदेश जारी किए। कोतवाल विक्रम राठौर ने 1500 रुपये रिश्वत मांगने के आरोप को निराधार बताया। उन्होंने बताया कि अभी तहरीर नहीं मिली है।

सवालों के घेरे में रुद्रपुर पुलिस

चोरी का मोबाइल खरीदने के आरोप में रम्पुरा पुलिस चौकी से लौटे अनिल की संदिग्ध हालात में मौत कई सवाल खड़े कर रही है। इस मामले में मित्र पुलिस के दामन पर दाग लगा है। पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे हैं। पुलिस का असंवदेशील और अमानवीय चेहरा सामने आया है। सबसे बड़ा सवाल है कि साढ़े पांच घंटे तक चौकी में ऐसा क्या हुआ कि पूछताछ के बाद युवक की जान चली गई। वह फंदे पर लटका मिला।

रंपुरा के लोगों में गुस्सा है। पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर ऐसा आक्रोश कि कोतवाली में हंगामा हो गया। मामला गंभीर था इसलिए विधायक शिव अरोरा, मेयर रामपाल सिंह और पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल भी वहां पहुंच गए। अपने-अपने ढंग से लोगों को समझाने का प्रयास किया गया। विधायक ने तो पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाकर उसी समय एसएसपी को फोन कर आरोपी दरोगा पर कार्रवाई करने के लिए कहा।

सोमवार शाम सात बजे अनिल, दिनेश और शुभम रंपुरा पुलिस चौकी में साथ पहुंचे थे। पुलिस ने शुभम को तो घर भेज दिया था लेकिन अनिल और दिनेश से रात साढ़े 12 बजे तक यानी साढ़े पांच घंटे पूछताछ की गई। ऐसी क्या पूछताछ हो गई जिससे एक घर का चिराग बुझ गया। इतनी लंबी पूछताछ से पुलिस क्या जानकारी जुटा रही थी इसका जवाब भी किसी के पास नहीं है। पुलिस की भूमिका इसलिए भी सवालों के घेरे में है कि मंगलवार को अनिल के घर गई टीम में कोई महिला सिपाही नहीं थी जबकि घर पर कई महिलाएं मौजूद थीं। दरोगा पर अनिल की भाभी से मारपीट का आरोप है।

पोस्टमार्टम हाउस पर लगा नेताओं का जमावड़ा
घटना के बाद पोस्टमार्टम हाउस में नेताओं का जमावड़ा लग गया। पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल सबसे पहले अनिल के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे और पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की। विधायक शिव अरोरा और मेयर रामपाल सिंह भी अनिल के परिजनों से मुलाकात करने के लिए पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे।

तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था अनिल
अनिल के माता-पिता का देहांत हो चुका है। वह तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। उसकी पांच बहनें हैं। घर पर छोटा भाई दिनेश, छोटी बहन पुष्पा और सबसे बड़े भाई सर्वेस अपनी पत्नी आशा और चार बच्चों सहित रहते हैं।

अकेले सोया था अनिल
परिजनों का कहना था अनिल हमेशा अपने छोटे भाई दिनेश के साथ ही सोता था। दिनेश का व्रत होने और चौकी में हुई घटना के बाद सोमवार रात को अनिल अलग कमरे में अकेला सो गया। परिजनों ने बताया कि चौकी से घर आने के बाद अनिल रात को फिर से बाहर गया। दोबारा वह घर कब आया किसी को नही मालूम, सुबह कमरे में उसका शव देख सबके होश उड़ गए। परिजनों ने बताया कि अनिल यदि सोमवार को भी अपने भाई दिनेश के साथ सोता तो शायद यह दिन नहीं देखना पड़ता।

चोरी की पुख्ता शिकायत मिली थी। चोरी का मोबाइल बरामद हुआ था। पूछताछ करने के लिए उसे चौकी बुलाया गया था। हालांकि अनिल का कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला। उसकी किन कारणों से मौत हुई अभी इसका पता नहीं चल सका है। सुबह पुलिस ने महिलाओं से अभद्रता की, यह प्रतिक्रिया नहीं होनी चाहिए थी। आरोपी दरोगा विपुल जोशी को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है। उसके विरुद्ध एसपी सिटी को जांच सौंपकर पांच दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है। जांच के बाद दरोगा के विरुद्ध बर्खास्तगी की तक की कार्रवाई की जा सकती है।
अनिल का छोटा भाई दिनेश गाड़ी चलाने का काम करता है। घटना की रात दिनेश पूरी रात अनिल के साथ चौकी में मौजूद था। अनिल कोहली के शरीर पर चोट के कोई भी निशान नहीं पाए गए हैं। गले में फांसी के फंदे के निशान पाए गए हैं। अनिल की भाभी के साथ की गई मारपीट और गाली गलौज के कारण मामले में तूल पकड़ा। अनिल की भाभी आशा पहले से बीमार थी। आरोप है कि मारपीट के बाद आशा बेहोश हो गई। एसआई विपुल जोशी ने घटना की जानकारी अपने सीनियर अधिकारियों से छुपाई जिस कारण मामला और अधिक गंभीर हो गया। एसआई विपुल जोशी को लाइन हाजिर कर घटना की जांच की जा रही है।

जनता पर पुलिस का अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। यह कष्ट का विषय है कि एक घर में जवान लड़के की मौत हो जाती है, पुलिस संवेदना व्यक्त करने के बजाय महिलाओं के साथ अभद्रता करती है। यह पुलिस का अमानवीय चेहरा है। यह कोई सामान्य घटना नहीं है। एसएससी से आरोपी दरोगा के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग की गई है।
दरोगा ने महिला पर हाथ उठाकर शर्मनाक कृत्य किया है। पुलिस को घर में घुसकर मारपीट करने का अधिकार नहीं है। दरोगा के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। 

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