Uttarakhand
हेमकुंड साहिब के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था हुआ रवाना, सीएम धामी और राज्यपाल ने जत्थे को दी शुभकामनाएं।
देहरादून/ऋषिकेश – हेमकुंड साहिब की यात्रा 20 मई को कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो जाएगी। आज 250 सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था ऋषिकेश के लक्ष्मणझूला रोड स्थित गुरुद्वारा से गोविंदघाट के लिए रवाना हुआ। राज्यपाल लेफ्टीनेंट जनरल (सेनि.) सरदार गुरमीत सिंह, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जत्थे को शुभकामनाएं दीं और रवाना किया।
इससे पहले उन्होंने श्रद्धालुओं के साथ गुरुद्वारे में अरदास की। हेमकुंड साहिब यात्रा पर जाने वाले पहले जत्थे में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान के श्रद्धालु शामिल हैं।
ऋषिकेश गुरुद्वारे से रवाना होकर बुधवार शाम को तीर्थयात्रियों के जत्थे के साथ पंच प्यारे गोविंदघाट गुरुद्वारे में पहुंचेंगे। 18 मई को यहां से पंच प्यारे घांघरिया के लिए प्रस्थान करेंगे और 19 को हेमकुंड साहिब पहुंचेंगे।
20 मई को विधि-विधान से हेमकुंड साहिब के कपाट छह माह के लिए खोल दिए जाएंगे। हेमकुंड साहिब के समीप स्थित लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी उसी दिन श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे।
गोविंदघाट, घांघरिया और हेमकुंड साहिब में सजावट का काम अंतिम चरण में है। यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में उत्साह का माहौल है और अभी तक लगभग 250 तीर्थयात्रियों का जत्था गोविंदघाट पहुंच गया है।
हेमकुंड साहिब 4329 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा है। इस बार मौसम की बेरुखी के कारण हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा का संचालन करना गुरुद्वारा प्रबंधन और जिला प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
हेमकुंड साहिब में बीते दिनों तक बर्फबारी हुई जिससे बर्फ हटाने का काम प्रभावित हाेता रहा। सोमवार देर शाम को भी हेमकुंड में बर्फबारी हुई, जिससे बर्फ हटाने का काम बंद रहा। मंगलवार को धूप खिलने पर हेमकुंड साहिब परिसर से लेकर रास्ते तक स्नो कटर मशीन से बर्फ हटाई गई।
60 साल से ज्यादा उम्र के बीमार लोग अब हेमकुंड साहिब की यात्रा पर नहीं जा सकेंगे। चमोली जिला प्रशासन की अपील पर गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से ऐसे यात्रियों को ऋषिकेश में रोका जाएगा