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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से गुजरते वाहनों का शोर जानवारों को नहीं करेगा परेशान, NHAI ने किया खास इंतजाम

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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से गुजरते वाहनों का शोर जानवारों को नहीं करेगा परेशान, NHAI ने किया खास इंतजाम

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले गाड़ियों के रेले से अब वन्यजीवों के सुकून पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यहां भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई ने ऐसे साउंड बैरियर लगाए हैं, जो वाहनों के शोर को बिल्कुल कम कर देंगे।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, देहरादून। रविन्द्र थलवालThu, 3 Oct 2024 05:50 AM
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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले गाड़ियों के रेले से अब वन्यजीवों के सुकून पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यहां भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई ने ऐसे साउंड बैरियर लगाए हैं, जो वाहनों के शोर को बिल्कुल कम कर देंगे और रात के समय इन वाहनों की लाइट भी नहीं चमकेगी। वन्यजीव इस एक्सप्रेस-वे के आसपास जंगल में दिन हो या रात, आसानी से विचरण कर सकेंगे।

बरसात थम जाने के बाद दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के काम ने तेजी पकड़ी है। यह एक्सप्रेसवे चार हिस्सों में बन रहा है। करीब 208 किलोमीटर का हिस्सा कई जगह जंगल इलाके से गुजरेगा। गणेशपुर से आशारोड़ी तक 20 किमी क्षेत्र में घना जंगल है, जिसमें कुछ क्षेत्र राजाजी नेशनल पार्क में आता है। गणेशपुर से मोहंड तक बरसाती नदी के ऊपर 12 किमी लंबी एलिवेटेड सड़क बनाई गई है।

एनएचएआई ने एलिवेटेड सड़क पर ऐसे विशेष साउंड बैरियर लगाए हैं, जिनसे वन्यजीवों को वाहनों का शोर नहीं सुनाई देगा और रात में भी वाहनों की लाइट उनकी आंखों पर नहीं चमकेगी। उन्होंने बताया कि वन्यजीव आराम से एलिवटेड रोड के आसपास जंगल और एलिवेटेड सड़क के नीचे विचरण कर सकेंगे। एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार, इस तरह का साउंड बैरियर सिस्टम मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर पेंच नेशनल पार्क क्षेत्र में बनाई गई आठ किमी एलिवेटेड सड़क पर भी लगाया गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे दूसरा प्रोजेक्ट है, जिस पर यह सिस्टम लगाया जा रहा है।

दावा वन्यजीवों के पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव नहीं पड़ेगा

एनएचएआई के इंजीनियर रोहित पंवार ने बताया कि जहां वाहनों का शोर होता है, वहां से वन्यजीव तो क्या मधुमखियां भी दूर भाग जाती हैं। लेकिन, इस एक्सप्रेस-वे पर जो साउंड बैरियर लगाए गए हैं, उनसे वन्यजीवों के पारिस्थितिकी तंत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। साउंड बैरियर वाहनों के शोर को कम देंगे और रात में विचरण वाले जीव भी प्रभावित नहीं हो सकेंगे।

एक्सप्रेस-वे पर दिसंबर से दौड़ेंगे वाहन

इस एक्सप्रेस-वे के दो हिस्सों का काम दिसंबर तक पूरा हो जाएगा, जिसमें गणेशपुर से आशारोड़ी तक का हिस्सा भी है। यहां 12 किमी की एलिवेटेड रोड बनकर तैयार हो गई है, अब इसे ब्लैकटॉप करवाया जा रहा है, नंवबर में इसका रोड सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा। इसके बाद दिसंबर में इसे आवाजाही के लिए खोला जाएगा। बाकी दो हिस्सों का काम मई 2025 तक पूरा हो सकेगा।



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