Uttarakhand
भारी बारिश के बीच भूस्खलन से 435 सड़कों पर ट्रैफिक बंद, पौड़ी जिले में हालात खराब; यात्रियों की रोड पर गुजरी रात

भारी बारिश के बाद सड़कें बंद हो गईं हैं। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, रविवार शाम तक प्रदेश में 435 सड़कें बाधित थीं।
उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से सड़कों को बड़ा नुकसान हुआ। रविवार शाम तक प्रदेशभर में 435 सड़कों पर आवाजाही बाधित थी। इनमें 60 मुख्य मार्गों के साथ 375 ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश का दौर जारी है।
इसके चलते विभिन्न क्षेत्रों में पहाड़ों से हुए भूस्खलन का मलबा और बोल्डर आने से सड़कें बाधित हुईं। इससे स्थानीय लोगों का जनजीवन बड़े स्तर पर प्रभावित हुआ। साथ ही यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं और पर्यटन स्थलों पर सैलानियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, रविवार शाम तक प्रदेश में 435 सड़कें बाधित थीं।
इनमें सबसे अधिक 67 सड़कें पौड़ी जिले में, 63 चमोली में, 57 पिथौरागढ़ में और 56 सड़कें चंपावत में बंद थीं। इधर,लोनिवि के एचओडी डीके यादव ने बताया कि सभी बंद सड़कों को खोलने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है।
टनकपुर से पिथौरागढ़ तक दो जगह ऑलवेदर रोड बंद
चम्पावत के टनकपुर से पिथौरागढ़ तक ऑलवेदर रोड स्वाला और घाट में दो जगह बंद है। स्वाला में लगातार चौथे दिन बंद रहा। घाट में आज दिन से बंद है। शनिवार रात यहां एक बार फिर से पहाड़ी दरक गई। लगातार एनएच के बंद रहने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग में स्वाला के पास की पहाड़ी नासूर बन गई है। इस स्थान पर हल्की सी बारिश में भी बड़ी मात्रा में मलबा सड़क पर गिर रहा है। बीते 12 सितंबर से शुरू हुई भारी बारिश के बाद से यहां बार-बार बड़ी मात्रा में मलबा गिर रहा है।
इस वजह से यहां से वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने हालांकि यहां मलबा हटाने के लिए पोकलैंड व अन्य मशीनों की तैनाती की है। लेकिन पहाड़ी से बार-बार गिर रहे मलबे की वजह से मलबा हटाने में दिक्कत आ रही है।
जिला आपदा नियंत्रण कक्ष के मुताबिक बीत शनिवार देर सायं इस स्थान पर मलबा तकरीबन हटा लिया गया था। लेकिन रात में एक बार फिर पहाड़ी भरभरा कर गिर गई। यही कारण है कि रविवार को दिन भर कड़ी मशक्कत के बावजूद भी सड़क में आए मलबे को नहीं हटाया जा सका।
कई यात्रियों ने रात में पैदल भी की सड़क पार
पिथौरागढ़ के घाट में फंसे कई यात्री रात में ही घर भी पहुंचे, लेकिन उसके लिए उन्हें पैदल आवाजाही भी करनी पड़ी। यात्री नीचे सड़क से चलकर पैदल ऊपर दूसरी तरफ पहुंचे। फिर जिला मुख्यालय से वाहन बुलाकर वह किसी तरह अपने-अपने घर पहुंच सके।
चम्पावत जिले में बंद चल रही हैं 90 ग्रामीण सड़कें
चम्पावत जिले में 90 ग्रामीण सड़कें बंद चल रही हैं। इससे यहां वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही है। सड़क बंद होने से ग्रामीणों को पैदल आवाजाही करनी पड़ रही है। चम्पावत की 90 ग्रामीण सड़कों में वाहनों की आवाजाही ठप है।
जिला आपदा नियंत्रण कक्षा से मिली जानकारी के मुताबिक बिरगुल-गोली, खर्ककार्की -मुड़ियानी, गौड़ी किमतोली, लफड़ा-स्यूनी-बूड़ाखेत, धूरा-तलियांबांज, टाक खंदक-करौली, रीठासाहिब-अमोड़ी, रीठासाहिब- ढोलीगांव, धौन-पत्थरमौन, बाराकोट लिंक, बाराकोट-खोला सुनार रोड प आवाजाही बंद है।
कुल्यालगांव-साल, गल्ला गांव-देवलमांफी, सिमलखेत-सिब्योली, बैड़ा बेडवाल-सुंदरखाल, बाराकोट-कोठेरा, बाराकोट- सिरतोली, रीठासाहिब-रमक, चिलनियां-पुनौली, टाक खंदक-बालातड़ी, एनएच-तल्ला सिंगदा, वल्लों-पुनियाल सड़क बंद चल रही है। इसके अलावा बाराकोट-सिमलखेत-पड़ोसों सेरा, चौड़ापिता-परेवा, बांस -जनकांडे आदि हैं।
उत्तराखंड की जनता के साथ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। देश-विदेश के यात्री उत्तराखंड में सुरक्षित माहौल में यात्रा कर सकें, इसके लिए सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री