Connect with us

Delhi

आतिशी-सुनीता नहीं एक ‘तीसरी महिला’ नेता को CM बना सकते हैं केजरीवाल, एक तीर से दो निशाने

Published

on

आतिशी-सुनीता नहीं एक ‘तीसरी महिला’ नेता को CM बना सकते हैं केजरीवाल, एक तीर से दो निशाने


दिल्ली के अगले सीएम के लिए केजरीवाल सरकार की ताकतवर मंत्री आतिशी, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल के अलावा सौरभ भारद्वाज, कैलाश गौतम और गोपाल राय जैसे मंत्रियों के नामों की खूब चर्चा है।

आतिशी-सुनीता नहीं एक 'तीसरी महिला' नेता को CM बना सकते हैं केजरीवाल, एक तीर से दो निशाने
Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 16 Sep 2024 09:51 AM
share Share

दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? अरविंद केजरीवाल की ओर से इस्तीफे का ऐलान किए जाने के बाद से राजधानी में हर जुबान पर एक ही सवाल है। केजरीवाल सरकार की ताकतवर मंत्री आतिशी, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल के अलावा सौरभ भारद्वाज, कैलाश गौतम और गोपाल राय जैसे मंत्रियों के नामों की खूब चर्चा है। हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल किसी ऐसे चेहरे को भी सामने ला सकते हैं, जिसके नाम की मीडिया या कार्यकर्ताओं में चर्चा नहीं है।

नए चेहरे पर मंथन के लिए सोमवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मुख्यमंत्री पद के संभावित नामों पर केजरीवाल के साथ चर्चा के लिए उनके आधिकारिक आवास पर पहुंचे। ‘आप’ की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक भी बुलाई गई है। एक दिन पहले ही अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की अप्रत्याशित घोषणा की थी। माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता कुछ प्रमुख चेहरों पर चर्चा करके किसी एक नाम को फाइनल करना चाहते हैं। शीर्ष नेतृत्व विधायक दल की बैठक में उस नाम को रखेगा और विधायकों की मंजूरी के बाद नए सीएम के नाम का ऐलान किया जाएगा।

राखी बिड़ला को ‘ट्रंप कार्ड’ बना सकते हैं केजरीवाल

सूत्रों की मानें तो अरविंद केजरीवाल आतिशी और सुनीता केजरीवाल की बजाय राखी बिड़ला को अपने उत्तराधिकारी के रूप में चुन सकते हैं। तर्क दिया जा रहा है कि राखी बिड़ला के जरिए वह एक साथ कई निशाने साध सकते हैं। एक तरफ जहां वह महिला को मुख्यमंत्री बनाकर आधी आबादी को संदेश दे सकते हैं तो दूसरी तरफ दलित कार्ड भी खेल सकते हैं। राखी बिड़ला आम आदमी पार्टी के साथ अन्ना आंदोलन के दौर से ही जुड़ी हुई हैं।

ये भी पढ़े:भगवान राम के जैसे केजरीवाल ने भी मर्यादा के लिए छोड़ी गद्दी : सौरभ भारद्वाज

राखी बिड़ला मंगोलपुरी सीट से विधायक होने के साथ अभी विधानसभा में डिप्टी स्पीकर भी हैं। 2013 में जब आम आदमी पार्टी की पहली बार सरकार बनी तो उन्हें केजीवाल के कैबिनेट में जगह दी गई। तब कांग्रेस के चार बार के एमएलए राज कुमार चौहान को हराकर पहली बार विधायक बनीं बिड़ला को महिला एवं बाल कल्याण और सामाजिक कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। वह दिल्ली की सबसे युवा मंत्री थीं। 2014 में पार्टी ने उन्हें तब भाजपा के टिकट पर सांसद बने उदित राज के खिलाफ नॉर्थ वेस्ट सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ाया था। वह भले ही चुनाव हार गईं लेकिन उस लोकसभा चुनाव में देशभर में सर्वाधिक वोट पाने वालीं ‘आप’ उम्मीदवार थीं।

दो बड़े दलित नेता छोड़ चुके साथ

ध्यान देने वाली बात यह है कि हाल के समय में पार्टी के दो बड़े दलित चेहरे साथ छोड़ चुके हैं। पहले मंत्री राजकुमार आनंद और फिर पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने पार्टी में दलितों-पिछड़ों को सही मौका नहीं दिए जाने का आरोप लगाकर इस्तीफा दे चुके हैं। राजकुमार आनंद बसपा होते हुए भाजपा में जा चुके हैं तो गौतम ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। सूत्रों का कहना है कि दोनों दलित नेताओं के जाने से पार्टी को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई राखी बिड़ला को मुख्यमंत्री बनाकर की जा सकती है। वह केजरीवाल की भरोसेमंद साथी रहीं हैं। इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं को भी संदेश दे सकती है कि पार्टी के लिए ईमानदारी और वफादारी के साथ काम करने वाले लोगों को सही मौके पर इनाम दिया जा सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि केजरीवाल अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा को ‘परिवारवाद’ का नया मुद्दा नहीं देना चाहेंगे।



Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement