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Madhya Pradesh

Loksabha election 2024 MP congress senior leaders not demanding ticket eyes on these names in Vindhya region

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Loksabha election 2024 MP congress senior leaders not demanding ticket eyes on these names in Vindhya region


Loksabha Election 2024: भाजपा द्वारा लोकसभा प्रत्याशियों की सूची जारी करने के बाद अब सभी की निगाहें कांग्रेस पर टिकी हुई हैं। चुनावी अधिसूचना जारी होने के पहले भाजपा ने प्रत्याशियों की घोषणा करके पहली बाजी जीत ली है। उधर कांग्रेस को जिताऊ प्रत्याशियों की तलाश है। कई बड़े नेता तो टिकट से किनारा कर लिए हैं बाकी जो दावेदारी कर रहे हैं। वो भी सिर्फ इस लिहाज से कि उनका थोड़ा राजनीतिक रसूख बढ़ जाएगा। कुल मिलाकर कांग्रेस लोकसभा चुनाव में विधानसभा का चुनाव हार चुके योद्धाओं पर दांव लगा सकती है। वैसे भी विंध्य की चारों लोकसभा सीटों में हार का रिकॉर्ड बना चुकी है।

लोकसभा के लिहाज से मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र में जीत के लिए तरस रही कांग्रेस को चुनाव जीत सकने वाले उम्मीदवारों की तलाश है। पार्टी को अपने जिन नेताओं पर यह भरोसा था कि वे लोकसभा चुनाव में पार्टी की नैया पार लगा सकते हैं। उनमें से कई दिग्गजों ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। सतना, रीवा एवं सीधी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरने से दिग्गज पीछे हट रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल को सतना या सीधी लोकसभा संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारना चाह रही थी लेकिन उन्होंने सीधी और सतना लोकसभा सीट में से किसी भी सीट से चुनाव लड़ने से फिलहाल इनकार कर रहे हैं। ऐसे में इन दोनों सीटों में कांग्रेस को नए सिरे से अपनी चुनावी जमावट करनी पड़ रही है। यही हाल रीवा का है, माना जा रहा है कि रीवा में कांग्रेस अपने मौजूदा महापौर अजय मिश्रा बाबा और सेमरिया विधायक अभय मिश्रा को लोकसभा चुनाव लड़ाना चाह रही थी लेकिन इन दोनों ने भी चुनावी समर में उतरने से अपने आपको पीछे कर लिया है।

सतना: मौजूदा विधायक के नाम पर विचार

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल द्वारा सतना संसदीय सीट से चुनाव लड़ने से इनकार किए जाने के बाद कांग्रेस की निगाहें अब अपने मौजूदा विधायक व विधानसभा चुनाव हार चुके उम्मीदवारों पर दांव लगाने के मूड में नजर आ रही है। जानकारी के मुताबिक सतना विधानसभा के विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक नीलांशु चतुर्वेदी, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सुधीर सिंह तोमर, कांग्रेस के  ग्रामीण जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा एवं रामपुर बाघेलान के पूर्व विधायक रामलखन सिंह पटेल में से किसी एक पर दांव लगा सकती है।

मैहर: नारायण को लोकसभा लड़ाने की तैयारी

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का उम्मीदवार कौन हो सकता है इन कयासों के बीच पार्टी के नेताओं के नामों की चर्चा तो जहां चल ही रही है वहीं एक नाम बड़ी तेजी के साथ चर्चा में है, वह नाम है मैहर के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी का। पार्टी लगातार पिछले सात चुनावों से हार के दाग को धोने के लिए नारायण त्रिपाठी के नाम पर भी विचार कर सकती है। नारायण पूर्व में भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी से मैहर के विधायक चुने जा चुके हैं। वह पृथक विंध्य को लेकर अपनी नई पार्टी बना चुके हैं। 

रीवा: महापौर पर लगा सकते हैं दांव

लगातार पांच लोकसभा चुनाव से हार रही कांग्रेस इस बार संसदीय सीट से अपने महापौर अजय मिश्रा बाबा व सेमरिया विधायक अभय मिश्रा को चुनाव लड़ाना चाह रही थी लेकिन दोनों के चुनाव लड़ने से इंकार किए जाने के बाद कांग्रेस कमेटी के ग्रामीण जिलाध्यक्ष इंजी. राजेन्द्र शर्मा का नाम बड़ी तेजी के साथ सामने आया है।  शर्मा 2023 के विधानसभा चुनाव में रीवा विधानसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार थे। शर्मा के अलावा रीवा संसदीय सीट से सेमरिया की पूर्व विधायक नीलम मिश्रा का नाम भी चर्चा में है। नीलम के अलावा नगर निगम की पूर्व नेता प्रतिपक्ष कविता पांडेय भी टिकट की दौड़ में मानी जा रही हैं।

चर्चा है कि रीवा संसदीय सीट से कांग्रेस पूर्व मंत्री पुष्पराज सिंह पर डोरे डाल रही है। सिंह को कांग्रेस में शामिल कर उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाने की रणनीति तैयार की जा रही है। यहां उल्लेखनीय है कि पूर्व मंत्री पुष्पराज सिंह के बेटे भाजपा से सिरमौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।

सीधी: पूर्व मंत्री कमलेश्वर के भरोसे पार्टी 

कांग्रेस पिछले तीन चुनावों से लगातार पराजय का सामना कर रही कांग्रेस को सीधी में उम्मीद थी कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की कमान सम्हालेंगे लेकिन पूर्व नेता प्रतिपक्ष द्वारा लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार किए जाने के बाद अब पार्टी की निगाहें पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल और सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह भदौरिया पर आकर टिक गई हैं।

शहडोल: विधायक फुंदेलाल या रमेश 

एसटी के लिए आरक्षित विंध्य की इकलौती संसदीय सीट शहडोल में कांग्रेस की उम्मीदें भी विधानसभा चुनाव हार चुके योद्धा और वर्तमान विधायक पर आकर टिक गई हैं। शहडोल संसदीय सीट के लिए कांग्रेस में जो दो नामों पर चर्चा चल रही है उनमें पुष्पराजगढ़ के विधायक फुंदेलाल मार्को एवं अनूपपुर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके रमेश सिंह का नाम प्रमुख हैं। 

(रिपोर्ट: सचिन त्रिपाठी)



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