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भारत और न्यूजीलैंड के सेमीफाइनल मैच से पहले बीसीसीआई पर पक्षपात का आरोप, जानिए आईसीसी का नियम…

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मुंबई – भारत और न्यूजीलैंड के बीच विश्व कप का सेमीफाइनल मैच बुधवार (15 नवंबर) को खेला जाएगा। दोनों टीमें मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में आमने-सामने होंगी। भारत इस प्रतियोगिता में नौ मैच जीत चुका है और वह अपने विजय रथ को आगे बढ़ाने के लिए उतरेगा। दूसरी ओर, न्यूजीलैंड की टीम पांच मैच जीतकर सेमीफाइनल में पहुंची है। मुंबई में मुकाबले से पहले बड़ा विवाद शुरू हो गया। वानखेड़े स्टेडियम की पिच को लेकर विदेशी मीडिया ने हायतौबा मचाना शुरू कर दिया है। उसने बीसीसीआई पर पक्षपात का आरोप लगाया है।

दरअसल, सेमीफाइनल मैच का आयोजन वानखेड़े स्टेडियम की सातवें नंबर की पिच पर होना था, लेकिन अब यह छठे नंबर की पिच पर होगा। इस पिच पर विश्व कप में दो मुकाबले खेले जा चुके हैं। पुरानी पिच होने के कारण इससे स्पिन गेंदबाजों को ज्यादा मदद मिल सकती है। ऐसे में बीसीसीआई पर यह आरोप लग रहे हैं कि उसने जानबूझकर मैच से पहले पिच में बदलाव किया है।

बीसीसीआई से मांगा गया जवाब?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईसीसी ने पिच को लेकर बीसीसीआई से जवाब मांगा है। इस मामले पर बीसीसीआई ने अपनी बात आईसीसी तक पहुंचा दी है। बोर्ड ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आईसीसी के कंसलटेंट पिच बनाने के समय मौजूद रहते हैं। उनके निर्देश पर ही सारे काम होते हैं। वही बताते हैं कि किस मैदान पर किस पिच का इस्तेमाल किया जाएगा।

आईसीसी का नियम
आईसीसी ने ऐसा कोई नियम नहीं बनाया है जिसके मुताबिक, नॉकआउट मैच नई पिचों पर खेले जाने चाहिए। आईसीसी की पिच और आउटफील्ड मॉनिटरिंग प्रक्रिया में एकमात्र शर्त यह है कि जिन स्थानों को मैच की मेजबानी की जिम्मेदारी दी गई है, वे उस मैच के लिए सर्वोत्तम संभव पिच उपलब्ध कराएंगे।

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान का आया बयान
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने पिच विवाद पर बयान देकर सबकी बोलती बंद कर दी है। उन्होंने कहा, ”जाहिर तौर पर आईसीसी के पास एक स्वतंत्र पिच क्यूरेटर है जो इसका प्रबंधन करता है। मुझे यकीन है कि वे यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि यह दोनों टीमों के लिए उचित हो। अब तक इस टूर्नामेंट में मैंने कोई समस्या नहीं देखी है।”

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