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साइबर ठगी! घंटों रिटायर्ड प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर ऐंठी रकम, कई खातों में ट्रांसफर करवाए 75 लाख

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साइबर ठगी! घंटों रिटायर्ड प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर ऐंठी रकम, कई खातों में ट्रांसफर करवाए 75 लाख


अलीगढ़ के एएमयू की एक सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर 75 लाख रुपये ठगे गए हैं। जिसका मुकदमा शुक्रवार को साइबर थाने में दर्ज कराया गया है। हैरान करने वाली बात है कि 10 दिन तक रोज रकम ऐंठी।

साइबर ठगी का क्रम लगातार जारी है। इसी क्रम में अब अलीगढ़ के एएमयू की एक सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर 75 लाख रुपये ठगे गए हैं। जिसका मुकदमा शुक्रवार को साइबर थाने में दर्ज कराया गया है। हैरान करने वाली बात ये है कि पहले दिन दो घंटे तक उसे डिजिटल अरेस्ट रखा। फिर दस दिन तक हैकर वीडियो कॉल कर रुपये ऐंठते रहे। मगर महिला को इतना डराए रखा कि वह किसी को कुछ बता न सकी। रकम हैकरों के पास पहुंचने के बाद उनसे संपर्क टूटने पर महिला को ठगी का अहसास हुआ और पुलिस के पास पहुंची।

एएमयू की सेवानिवृत्त 81 वर्षीय प्रोफेसर दोदपुर इलाके के अपार्टमेंट में अकेली रहती हैं। उनके पति का देहांत हो चुका है। देखभाल के लिए एक नौकर साथ रहता है। पहले दिन उनके पास एक कॉल आई। जिसमें कॉल करने वाले ने उनके बैंक खातों से गलत लेनदेन की बात कहते हुए डराया। फिर कुछ देर बाद वीडियो कॉल पर मुंबई ईडी का अधिकारी बनकर हैकर ने बातचीत करते हुए महिला को डराया। यहां तक कहा कि तुम्हारे खिलाफ एफआईआर हो गई है। एक फर्जी एफआईआर की प्रति भी महिला को भेज दी। साथ में बताया कि नरेश गोयल नाम का व्यक्ति गिरफ्तार किया है। जिसने सभी जानकारी दी हैं।

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बातों में लगाकर महिला से आधार व पैन कार्ड ले लिए। फिर कहा कि आपके खाते सुप्रीम कोर्ट के खाते में जमा होंगे। जो जांच पूरी होने के बाद वापस होंगे। यह भी धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो खुद महिला को और जिसे जानकारी दोगी, उसको छह छह माह की सजा होगी। दोनों को गिरफ्तार कर मुंबई ले जाया जाएगा। इसके बाद गोपनीयता की एक अंडरटेकिंग भी व्हाट्सएप पर ली गई। इस तरह पहले दिन दो घंटे से अधिक समय में करीब छह बार वीडियो कॉल पर बात हुई।

साथ में कहा कि हमारा आदमी तुम्हारे घर के बाहर निगरानी कर रहा है। हर दो घंटे पर तुमको अपनी ओर से अपनी खैर खबर सकुशल होने की देनी है। इससे महिला बहुत डर गई। हर दिन वह खैर खबर देती रहीं। हैकरों के बताए अनुसार रुपये जमा किए। सात सितंबर को जब उनसे आखिरी बार रकम जमा होने के बाद संपर्क टूट गया। तब उसे ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने अपने भाई को यह खबर दी। तब साइबर पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत की और शुक्रवार को साइबर थाने पहुंचकर मुकदमा दर्ज कराया। इंस्पेक्टर साइबर थाना सुरेंद्र सिंह ने इस मुकदमे की पुष्टि की है।

यहां से शुरू हुआ रुपये लेने का खेल
तीसरे दिन महिला को कॉल पर रुपये ट्रांसफर कराने को कहा और महिला के सेंट्रल बैंक के खाते से पटना के एक इंडस बैंक के खाते में 37 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कराए। फिर इसके अगले दिन महिला ने एसबीआई मेडिकल रोड जाकर उनके द्वारा बताए गए भीलवाड़ा राजस्थान की आईसीआईसीआई बैंक के खाते में 25 लाख जमा किए। दोनों बार की रकम प्राप्ति की रसीद महिला को दी। फिर तीसरी बार में दो दिन के अंतराल के बाद वर्द्धमान पश्चिम बंगाल के एक बैंक खाते में सेंट्रल बैंक से 5 लाख रुपये जमा कराए। इसके बाद चौथी और आखिरी बार में आठ लाख रुपये एसबीआई मेडिकल रोड से जाम नगर गुजरात के आईसीआईसी बैंक के खाते में जमा कराए।

क्रमवार ऐसे हुई ठगी
– 28 सितंबर को 1151 बजे आई पहली कॉल
– 28 सितंबर को 1157 बजे आई दूसरी कॉल
– 28 सितंबर को 1232 बजे वीडियो कॉल शुरू
– 29 सितंबर को दिन भर सुरक्षित होने की रिपोर्ट
– 30 सितंबर को 37 लाख रुपये ऑनलाइन लिए
– 01 अक्तूबर को 25 लाख रुपये बैंक में जाकर दिए
– 03 अक्तूबर को 05 लाख रुपये बैंक में जाकर दिए
– 03 तीन दिन तक लगातार संवाद वीडियो कॉल पर
– 05 अक्तूबर को एसबीआई से गोल्ड लोन कराया
– 07 अक्तूबर को 8 लाख रुपये बैंक में जाकर दिए

हाथों में पहनी चूड़ियां गिरवी रखवाईं
हैकरों ने वीडियो कॉल पर बातचीत में महिला के हाथों में पहनी सोने की चूड़ियां देख लीं। उन्हें लेकर कहा कि आप इन्हें गिरवी रखकर इसके पैसे भी हमें भेज दें। तब महिला ने पांच तारीख को इन चूड़ियों से एसबीआई से 2.6 लाख का गोल्ड लॉन लिया था। इसे मिलाकर आठ लाख रुपये सबसे आखिर में जमा किए।

रुपये जमा कराने तक हर दिन संपर्क
हैकरों ने महिला से लिए आधार व पैन कार्ड की मदद से महिला के बैंक खातों की पूरी जानकारी जुटा ली थी। वे महिला से 28 से 7 तारीख के बीच हर दिन संपर्क में रहे। महिला खुद अपनी ओर से भी अपडेट देती थी और हर दिन उधर से भी वीडियो कॉल आती थी। जब उन्हें लग गया, अब खाते खाली हो गए। तब उन्होंने संवाद बंद किया।

एसएसपी, संजीव सुमन ने कहा कि साइबर ठगी के मामलों में साइबर टीमें लगातार काम कर रही हैं। मगर लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। इस तरह के कॉल पर कतई भरोसा न करें और खुद के साथ ठगी से बचें।

7 तारीख को साइबर नंबर पर शिकायत और साइबर थाना टीम ने शुक्रवार को मिली जानकारी के आधार पर बैंकों को अलर्ट भेजा। इसके आधार पर जानकारी मिली कि जिन चार खातों में रकम डलवाई गई है। उनसे आगे 21 खातों में रकम गई है। ये खाते वर्द्धमान, पटना, नागौर राजस्थान, वायनाड केरल, कोचीकोड केरल, मन्नातरई तमिलनाड़ू, चेन्नई, जाम नगर गुजरात, भीलवाड़ा राजस्थान, गुना मध्य प्रदेश, तिरचल्ली तमिलनाड़ू आदि शहरों के हैं। इनमें पहुंची 13 लाख रुपये की रकम शनिवार शाम तक होल्ड करा दी गई है। बाकी रकम इससे आगे गई है। जिस पर अभी जांच जारी है।



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