Delhi
Why muslim voters important for bjp in mewat lesson from last election

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लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के कमजोर प्रदर्शन वाले इलाकों में जोर जा रहा है, ताकि इस बार उनके हक में बेहतर परिणाम आ सकें।
मेवात के जिला नूंह में रविवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह की पहली रैली का आयोजन भाजपा की इस रणनीति की तस्दीक करता है। राजनीति के जानकारों के मुताबिक इस रैली के जरिये भाजपा मुस्लिम मतदाताओं को साधने की कोशिश करेगी।
तीन विधानसभाओं में भाजपा उम्मीदवार को मिले थे 23 फीसदी वोट
जिला नूंह की विधानसभा नूंह, फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना में भाजपा के उम्मीदवार राव इंद्रजीत को महज 23 फीसदी वोट मीले थे, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार कैप्टन अजय सिंह को 74 फीसदी वोट मिले थे। भाजपा उम्मीदवार उपरोक्त सभी विधानसभा सीटों में कांग्रेस उम्मीदवार से पीछे रहे थे।
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दर्ज आकड़ों के मुताबिक नूंह विधानसभा में कैप्टन अजय सिंह को 82116 वोट मिले, जो कुल मतदान के 68 फीसदी थे। राव इंद्रजीत को 34258 वोट मिले, जो कुल मतदान के 28 फीसदी थे। फिरोजपुर झिरका में कैप्टन अजय सिंह को 108324 मिले, जो कुल मतदान के 78 फीसदी थे। यहां राव इंद्रजीत को 26466 मिले, जो कुल मतदान के 19 फीसदी थे। पुन्हाना विधानसभा में कैप्टन अजय सिंह को 81876 मिले, जो कुल मतदान के 76 फीसदी थे। जबकि राव इंद्रजीत को 22267 वोट मिले, जो कुल मतदान के 21 फीसदी थे।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि हरियाणा में मतदान छठे चरण में होगा। मतदाताओं पर पकड़ बनाने के लिए काफी वक्त है। भाजपा इसका फायदा उठाकर ऐसी विधानसभा सीट पर काम कर रही है, जहां पिछले चुनाव में प्रदर्शन कमजोर रहा था।
कांग्रेस-भाजपा में टक्कर थी
मेवात इलाके के जिला नूंह में पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर रही थी। जिले की तीन विधानसभाओं में करीब 98 फीसदी मतदान उपरोक्त दोनों दलों के उम्मीदवारों के हक में हुआ। यहां बसपा के उम्मीदवार रहीश अहमद को उपरोक्त तीनों सीटों पर करीब 4455 वोट मिले। इसके अलावा इनेलो के उम्मदीवार वीरेंद्र राणा को करीब 1325 वोट मिले। इस बार आम चुनाव में यह देखना दिलचल्प होगा कि यहां से कौन अधिक वोट जुटाता है।
जाकिर हुसैन की कड़ी परीक्षा
मेवात इलाके में भाजपा नेता जाकिर हुसैन की आगामी आम चुनाव में कड़ी परीक्षा होगी। पार्टी के हक में ज्यादा वोट डलवाने के लिए उन पर जिम्मेदारी है। उन्हें हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक के साथ भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया हुआ है। पिछली बार विधानसभा चुनाव में वह नूंह सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं। ये अलग बात है कि वह कांग्रेस के उम्मीदवार आफताब अहमद के सामने चुनाव हार गए थे। राजनीति के जानकारों का कहना है कि आम चुनाव में उनका रिपोर्ट कार्ड आगे उनके कद को तय कर सकता है।