Uttar Pradesh
now enjoy village stay with braj pilgrimage home stay starts from barsana know details

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Home stay in villages of Braj region: देश-विदेश से ब्रज भ्रमण पर आने वाले तीर्थयात्री यहां के गांवों में भी होम स्टे कर सकेंगे। इससे श्रद्धालु भगवान कृष्ण की लीला स्थलियों के दर्शन के साथ ब्रज के ग्रामीण परिवेश का भी आनंद ले सकेंगे। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद बरसाना के गांवों से इसकी शुरुआत करने जा रहा है।
ब्रज भ्रमण को आने वाले श्रद्धालु मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना के मठ मंदिरों से ही एक-दो दिन का भ्रमण कर लौट जाते हैं। वह यहां से शहरी जन जीवन एवं भीड़भाड़ के ही अनुभव साथ लिए जाते हैं, जबकि ब्रज संस्कृति से दूर ही रहते हैं। अब परिषद ने ब्रजयात्रियों को ब्रज की ग्रामीण संस्कृति एवं परिवेश से मिलाने के लिए होम स्टे ऑफ मथुरा योजना बनाई है। इसकी शुरूआत बरसाना के नंदगांव सहित राधारानी की अष्टसखी गांवों में कराने की योजना है। प्रथम फेस में चयनित इन गांवों को मॉडल गांव बनाया जाएगा। यहां स्वच्छता, सड़क, प्रकाश, जल निकासी आदि के पर्याप्त प्रबंध किए जाएंगे। इसमें ग्राम पंचायत एवं मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण विकास भूमिका निभाएगा।
होम स्टे ऑफ मथुरा का ये होगा स्वरूप
मंदिरों के भ्रमण के बाद श्रद्धालुओं की चयनित गांवों में ग्रामीणों के घरों में ही ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। इन घरों में उन्हें ब्रज भाषा सुनने एवं ग्रामीण परिवेश का ही खान-पान मिलेगा। वे चूल्हे पर बनी हाथ की रोटियों का लुत्फ उठा सकेंगे। गाय का दूध निकालते देख सकेंगे। उन्हें शहरी जीवन से हटकर कुछ क्षण गांव में बिताने का मौका भी मिलेगा।
एक गांव से शुरु होगा पायलेट प्रोजेक्ट
होम स्टे परियोजना को परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्रा ने भी अपनी सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है। इसकी शुरुआत सर्वप्रथम अच्छी संस्कृति वाले बरसाना या नंदगांव क्षेत्र के एक गांव से पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में किया जाएगी। इसके लिए चयनित ग्रामीणों को प्रशिक्षित भी दिया जाएगा। इससे गांवों का विकास एवं ग्रामीणों को भी लाभ मिलेगा।
क्या बोले अधिकारी
यूपी ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि ब्रज यात्रियों को होम स्टे योजना से यहां के गांवों से जोड़ने की योजना है। इसमें मंदिरों के दर्शन कर श्रद्धालु गांवों में रात्रि विश्राम कर सकेंगे। यहां वे ब्रज भाषा एवं ब्रज के खानपान का स्वाद ले सकेंगे। अभी इसकी कार्ययोजना बनाई जानी बाकी है। इसके बाद पूरा स्वरुप स्पष्ट हो जाएगा।