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jnusu election after four years candidates final list on 16th march voting result

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jnusu election after four years candidates final list on 16th march voting result


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JNUSU Election: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में छात्रसंघ चुनाव को लेकर समिति ने कार्यक्रम जारी किया। आधिकारिक सूचना के मुताबिक, 14 मार्च से छात्र नामांकन दाखिल कर सकते हैं। इसके बाद उम्मीदवारों की अंतिम सूची 16 मार्च को प्रदर्शित की जाएगी। इसके अनुसार, सोमवार को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की गई और मगंलवार तक उसमें सुधार करने का समय दिया गया है। जेएनयू छात्रों की कार्यकारी समिति ने चुनाव आयुक्त का चयन कर दिया है। इस साल जेएनयू के छात्र शैलेंद्र कुमार छात्र संघ चुनाव संपन्न कराएंगे।

विश्वविद्यालय शासी निकाय की बैठक (यूजीबीएम) 20 मार्च की सुबह 10 बजे आयोजित होगी और इसी दिन रात 9 बजे से प्रेसिडेंशियल डिबेट होगी, जिसमें सभी छात्र संगठनों के अध्यक्ष पद के छात्रों को संबोधित करेंगे। नोटिस के अनुसार, छात्रसंघ चुनाव के लिए 22 मार्च को मतदान होगा। वोटों की गिनती 24 मार्च को होगी, जिसके बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे। जेएनयू में छात्रसंघ चुनाव में पूर्व की भांति इस बार भी मतपत्रों से ही होगा। बता दें कि जेएनयू में छात्र संघ के चुनाव चार साल पहले 2019 में हुए थे।

एडवाइजरी जारी

चुनाव के मद्देनदर जेएनयू ने छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें चुनाव प्रक्रिया के मद्देनजर छात्रों को सतर्क रहने और परिसर में शांति और सद्भाव बनाए रखने को कहा गया है। सोमवार देर शाम जेएनयू द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया, ‘कैंपस में चल रही छात्र चुनाव प्रक्रिया और छात्र संगठनों द्वारा आयोजित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के मद्देनजर, कैंपस के सभी हितधारकों से सतर्क रहने और कैंपस में शांति और सद्भाव बनाए रखने में योगदान देने की अपील की जाती है।’

वामपंथी संगठनों का दबदबा रहा 

2019 में हुए छात्रसंघ चुनाव में वामपंथी छात्र संगठनों ने गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था। इसमें आइसा, एसएफआई, एआईएसफ और डीएसएफ की अध्यक्ष पद पर संयुक्त उम्मीदवार आइशी घोष थी। इस चुनाव में एबीवीपी किसी भी पद पर जीत नहीं पाई थी।

विवाद के बाद अदालत में गया मामला

2019 में हुए जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में आईशी घोष ने अध्यक्ष के रूप में चुनाव जीता था, लेकिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और जेएनयू प्रशासन इस छात्रसंघ की मान्यता को लेकर सवाल खड़ा करता रहा है। जेएनयू कुलपति ने जहां इस छात्रसंघ को नकारा है वहीं इसको लेकर कुछ लोगों ने अदालत का भी दरवाजा खटखटाया है।



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