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If this trump card of Sachin Pilot works wonders in Lok Sabha elections will BJP get trappe Will it have an impact on these seats

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If this trump card of Sachin Pilot works wonders in Lok Sabha elections will BJP get trappe Will it have an impact on these seats


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राजस्थान में पहले चरण की 12 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। इन सीटों पर इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है।  हाई प्रोफाइल सीट दौसा को लेकर दोनों ही दल जीत का दांवा कर रहे है। इस सीट पर लड़ तो रहे हैं कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा और बीजेपी कन्हेयालाल मीणा, लेकिन परीक्षा सचिन पायलट और किरोड़ी लाल की होगी। पूर्वी राजस्थान में वर्चस्व की राजनीति को लेकर सचिन पायलट और किरोड़ी लाल की बीच अदावत किसी छिपी नहीं है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दौसा सीट को लेकर इस बार पेच फंस गया है। बीजीपे की यह सीट फंस सकती है। सचिन पायलट ने गुर्जर काॅर्ड का बखूबी इस्तेमाल किया है। ऐसे में सियासी जानकारों का कहना है कि पायलट का ट्रंप कार्ड कमाल दिखा देता है कि बीजेपी की कम से कम 4 सीटें कांग्रेस को मिल सकती है। दौसा, टोंक सवाई माधोपुर, कोटा -बूंदी और अजमेर। इन सीटों पर गुर्जर वोटर निर्णायक भूमिका में रहते रहे हैं। 

हालांकि, सचिन पायलट ने अपनी किसी भी सभा या रैली में अपनी जाति का उल्लेख नहीं किया है। पायलट हमेशा समाज से जुड़े कार्यक्रमों से भी दूरी बनाते आए है। लेकिन जिस तरह से पायलट समर्थकों ने गुर्जर वोटरों के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ रखी है। उससे बीजेपी को नुकसान होने का अंदाजा है। दौसा की तरह टों-सवाई माधोपुर से परिणाम चौंकाने वाले आ सकते है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल ने इस बार दौसा पर पूरा ध्यान दिया है। किरोड़ी ने एक दर्जन से ज्यादा सीटें की है। इसके बावजूद किरोड़ी की सभा में भीड़ की उपस्थिति कम रही है। यहीं वजह है कि बस्सी में आयोजित एक सभा में किरोड़ी लाल मीणा नाराज हो गए। मंच छोड़कर चले गए।  किरोड़ी लाल दांवा कर रहे है कि इस बार भी दौसा सीट बीजेपी के पास रहेगी। दौसा पूर्वी राजस्थान की सियासत का प्रमुख केंद्र माना जाता है। विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सचिन पायलट के गढ़ में सेंध लगा दी। बीजेपी को 5 में से 4 सीट मिली है। जबकि कांग्रेस को एक सीट। वह भी दौसा से खुद मुरारी लाल मीणा जीते। मुरारी लाल सांसद का चुनाव लड़ रहे है। बता दें मुरारी लाल को सचिन पाययट कैंप का माना जाता है। 

सियासी जानकारों का कहना है कि दौसा से सचिन पायलट के पिता 5 बार सांसद रहे है। ऐसे में इस सीट को लेकर पायलट ने ताबड़तोड़ रैलियां की है। एक दर्जन से ज्यादा सभाएं की है। दौसा चुनाव किरोड़ी औऱ पायलट की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है। कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल कह चुके है कि महुआ से बीजेपी हारती है तो वह मंत्री पद छोड़ देंगे। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि दौसा सीट किरोड़ी लाल के लिए कितनी अहमियत रखती है। दौसा सीट पर सचिन पायलट औऱ किरोड़ी लाल की परीक्षा होगी। 



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