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Hanuman Jayanti procession at Jahangirpuri New Delhi: जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के अवसर पर मंगलवार को शोभायात्रा निकाली गई। इस दौरान शोभायात्रा में शामिल लोगों ने बैरिकेड से आगे जाने की कोशिश की जिसकी वजह से पुलिसकर्मियों से धक्का मुक्की भी हुई। करीब पांच सौ मीटर की दूरी निकाली गई शोभायात्रा करीबतीन घंटे में समाप्त हो गई। दरअसल, वर्ष 2022 में हनुमान जयंती के मौके पर निकाली गई बिना अनुमति की शोभायात्रा के दौरान जहांगीरपुरी के कुशल चौक पर पथराव किया गया था। इसके बाद दंगे भड़क गये थे।
दो संगठनों ने निकाली शोभायात्रा
बीते साल भी शोभायात्रा कुछ प्रतिबंधों के साथ निकाली गई थी लेकिन इस बार पुलिस ने लिखित अनुमति नहीं दी। इसकी वजह से तीन में से दो संगठनों ने शोभायात्रा निकाली। एक शोभायात्रा करीब 12 बजे के आसपास निकाली गई लेकिन एक घंटे में समाप्त हो गई। इसमें करीब डेढ़ सौ लोग थे। फिर दो बजे स्थानीय विहिप कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित शोभायात्रा निकाली गई। पुलिस ने आयोजकों को प्रयास बाल सुधार घर से थाने की तरफ पांच सौ मीटर की दूरी तक जाने एवं लौट कर आने के निर्देश दिए थे।
बैरिकेड पर बढ़ा तनाव
शोभायात्रा शुरू होने से पहले करीब पांच से सात सौ श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई। शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालु हनुमान जी के उद्घोष के साथ आगे बढ़ते रहे। जब शोभा यात्रा तय सीमा पर बनाए गये बैरिकेड पर पहुंची तब तनाव की स्थिति बन गई। दरअसल, बैरिकेड पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया और भाषण दिए गये, जब लौटने का समय आया तो शोभा यात्रा में शामिल लोगों ने बैरिेकेड को तोड़ने की कोशिश की। ये लोग बैरिकेड से आगे जाने की कोशिश करने लगे। इस दौरान मौजूद पुलिसकर्मियों से धक्का मुक्की हुई।
असामाजिक तत्वों को हिरासत में लिया
करीब दस मिनट तक तनाव पूर्ण स्थिति बनी रही। पुलिस ने भीड़ में शामिल कुछ असामाजिक तत्वों को हिरासत में लिया। इसके बाद समझाने बुझाने पर शोभायात्रा में शामिल लोग शांत हुए और वापस लौटने पर सहमत हो गये। इस दौरान डीसीपी जितेंद्र कुमार मीना की देखरेख में सुरक्षा इंतजाम किए गये थे। बताया जाता है कि विभिन्न जिलों से आए छह एडिशिनल डीसीपी रैंक के अधिकारी को सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था।
सादे कपड़ों में भी तैनात थे सुरक्षा बल
इसके अलावा उत्तर पश्चिम जिला स्पेशल स्टाफ, एएटीएस और नारकोटिक्स की टीम को सादे कपड़ों में भीड़ में तैनात किया गया था। इनका काम अवांछनीय लोगों की पहचान करना है। इस दौरान कुशल चौक पर भी कड़ी सुरक्षा की गई थी। जब शोभा यात्रा शुरू हुई तो दोनों तरफ बैरिकेडिंग लगा दी गई ताकि लोग तय दूरी का उल्लंघन न कर सकें।
पुलिस के खिलाफ धरना पर बैठे
वहीं शोभायात्रा समाप्त होने के बाद इसमें शामिल करीब 50 लोग जहांगीरपुरी थाने के सामने धरने पर बैठ गये। धरने में शामिल लोगों का कहना था कि पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर शोभायात्रा का मार्ग छोटा कर दिया है। स्थानीय एसएचओ इलाके में हो रहे संगठित अपराध को रोकने में नाकाम हैं जिससे जहांगीरपुरी में माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक स्थानीय सांसद ने भी उनसे संपर्क नहीं साधा है। फिलहाल इलाके में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और पुलिस की ओर से आसपास के इलाके पर कड़ी नजर रखी जा रही है।