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delhi news now credit for better performance in skill teaching cbse starting pilot project

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अब स्कूल स्तर पर छात्रों के कौशल को महत्वता देने के लिए एक नई पहल शुरू हो रही है। इसमें कोई भी छात्र खेल में, व्याख्यान में, कोई संगोष्ठी में के साथ विभिन्न कौशल शिक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करता है। तब उनका नियमित रूप से क्रेडिट स्कोर निर्धारित होगा। यह क्रेडिट स्कोर छात्रों के स्नातक, परास्नातक व पीएचडी स्तर के शिक्षण में काम आएगा। इसके साथ ही प्रत्येक छात्रों के लिए जारी किए गए यूनिक आईडी नंबर के तहत स्वचालित स्थायी शैक्षणिक खाता रजिस्टरी (एपीएएआर) में भी यह क्रेडिट जुड़ेंगे। देश भर में इस नई पहल को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) लागू करने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को सबसे पहले छठी, नौंवी और ग्यारहवी कक्षा में लागू किया जाएगा। 

छात्रों को ये होगा फायदा

सीबीएसई के कौशल शिक्षण के निदेशक डॉ बिसवजीत साहा ने बताया कि स्कूल स्तर पर छात्र शिक्षण गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। कौशल शिक्षण से जुड़ी गतिविधियों के तहत छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर उन्हें स्कूल क्रेडिट देंगे। यह क्रेडिट छात्रों के एपीएएआर में अंकित होंगे। इससे यदि किसी छात्र ने छठी, नौंवी और ग्यारहवी कक्षा में किसी खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। तब उस खेल के क्रेडिट स्नातक के दाखिले के समय छात्रों के काम आएंगे। स्कूल स्तर पर कौशल शिक्षण के बुनियादी ढांचे को स्नातक स्तर में समायोजित किया जा सकेगा। 

ऐसे होगा लागू

डॉ साहा ने बताया कि बोर्ड ने स्कूलों को इस पायलट प्रोजेक्ट से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया है। बोर्ड की वेबसाइट में उपलब्ध परिपत्र से इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 30 अप्रैल तक स्कूल आवेदन दे सकते हैं। बोर्ड से संबद्ध स्कूलों को प्रोजेक्ट से जुड़ने के लिए अनिवार्य नहीं किया है। वह स्वतंत्र रूप से इससे जुड़ सकते हैं। मई और जून में गर्मियों की छुट्टियों के दौरान स्कूलों के साथ बैठकें होंगी।

स्कूलों में लगेंगी कार्यशालाएं

एनसीआरएफ को लागू करने के लिए स्कूलों के साथ कार्यशालाएं की जाएंगी। किसी भी स्कूल को यदि कोई सुझाव देना है और वह प्रोजेक्ट में कोई अमूल परिवर्तन चाहता है। वह सुझाव सभी के लिए कारगर होगा। तब उसे प्रोजेक्ट में शामिल करेंगे। एनसीआरएफ की पूरी कार्य प्रणाली को 1 जुलाई तक तैयार करते हुए उसे 8 से 9 माह के लिए लागू करेंगे। 

प्रोजेक्ट सफल हुआ तो देश भर में होगा लागू

शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान इस प्रोजेक्ट को सफलता प्राप्त हुई। तब ऐसी परिस्थिति में इसे देश भर के स्कूलों में लागू किया जाएगा। इस परियोजना का लाभ छात्रों के कौशल के साथ उनके शैक्षणिक गतिविधियों पर भी बेहतर तरीके से उल्लेखित होगा। 

ऐसी है तैयारी 

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के दौरान फरवरी और मार्च में देश के 10 शहरों और सीबीएसई के विदेशों के स्कूलों के साथ एनसीआरएफ प्रोजेक्ट के संबंध में बैठकें हुईं। किसी शहर में 100 स्कूल, तो किसी शहर में 300 से अधिक स्कूलों के साथ कार्यशालाएं हुईं। इसके बाद एनसीआरएफ को लेकर एक मूल ढांचा तैयार किया गया। 

इसलिए बनाई गई है योजना

डॉ. साहा ने बताया कि इस नई प्रणाली को इसलिए लागू करने के लिए योजना बनाई गई है क्योंकि मौजूदा समय में स्कूल स्तर पर 10वीं और 12वीं कक्षा के आधार पर ही छात्रों के शिक्षण गतिविधियों के मूल्यांकन को किया जाता है। इसके बाद स्नातक व परास्नातक के प्रदर्शन के तहत छात्रों के शिक्षण के प्रदर्शन पर आकलन होता है। लेकिन अब सीबीएसई ने स्कूल स्तर पर अलग-अलग कक्षाओं में छात्रों के साल भर के कौशल शिक्षण के आधार पर किए जाने वाले प्रदर्शन को भी मूल्यांकित करने की योजना बनाई है।



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