Delhi
dda demolish rat miner vakil hasan house encroachment removed in 2016 also

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डीडीए ने वकील हसन को तत्काल राहत के तौर नरेला में ईडब्ल्यूएस फ्लैट में आश्रय उपलब्ध कराया है। डीडीए द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि सिल्कारा-बरकोट सुरंग में फंसे श्रमिकों के जीवन को बचाने में उनके उल्लेखनीय योगदान के चलते परिवार को सहायता प्रदान की गई है। डीडीए के अधिकारी वकील से मिलने और उन्हें यह प्रस्ताव बताने के लिए साइट पर गए। वकील को रोजगार के रूप में अस्थायी राहत पर भी काम किया गया।
2016 में भी हटा था अतिक्रमण
डीडीए ने अपने बयान में कहा है कि वकील हसन इस बात से अवगत थे कि उनका मकान अतिक्रमण के दायरे में है और इसे 2016 में भी हटाया गया था, लेकिन उन्होंने 2017 में फिर से कब्जा कर लिया। यह अतिक्रमण हटाने का एक नियमित अभियान था। किसी व्यक्ति विशेष को निशाना बनाकर यह कार्रवाई नहीं की गई है। डीडीए ने मदद करने की पेशकश की थी।
अस्थायी आवास की पेशकश ठुकराई
अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान अपना मकान गंवाने वाले वकील हसन ने डीडीए की मदद ठुकरा दी है। वकील ने बताया कि बुधवार रात डीडीए की टीम मौके पर पहुंची थी और अस्थायी आवास उपलब्ध कराने की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया है। यह सिर्फ मौखिक तौर पर आश्वासन दिया जा रहा था।
घर उजड़ने के बाद बेटी की बोर्ड परीक्षा पर संकट
आशियाना उजड़ जाने के बाद रैट माइनर वकील हसन को बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है। बेटी की दो मार्च को बोर्ड की परीक्षा होनी है। परिवार सड़क पर रहकर गुजर-बसर करने को मजबूर है। इधर-उधर से खाने-पीने का सामान आ रहा है।
पिछले साल उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग से 41 मजदूरों को बाहर निकालने में मदद करने वाले रैट माइनर वकील हसन के खूजरी खास के श्री राम कॉलोनी में रहते हैं। उनके मकान को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अनधिकृत बताकर बुधवार को ध्वस्त कर दिया था, जिससे पूरा परिवार सड़क पर आ गया है। वकील ने बताया कि डीडीए की कार्रवाई के चलते उनके बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो गई है। बेटी दसवीं में पढ़ती है।