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Madhya Pradesh

जल्दी ही बनने वाली थी डॉक्टर, एमपी की MBBS स्टूडेंट की रूस में ऐसे हो गई मौत

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जल्दी ही बनने वाली थी डॉक्टर, एमपी की MBBS स्टूडेंट की रूस में ऐसे हो गई मौत


एमपी की एमबीबीएस स्टूडेंट की रूस में मौत हो गई। माता-पिता इकलौती संतान के मरने की खबर सुनकर बेहोश हो गए। उनके सपने टूट गए। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

Ratan Gupta लाइव हिन्दुस्तान, मैहरSun, 13 Oct 2024 03:48 PM
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मध्य प्रदेश की छात्रा रूस में हादसे का शिकार हो गई। महिला एमपी के मैहर की रहने वाली थी। रूस में मेडिकल की पढ़ाई कर रही छात्रा अपने दोस्तों के साथ कार से छुट्टियां मनाने के लिए निकली थी। रास्ते में उसकी गाड़ी हादसे का शिकार हो गई और इसमें छात्रा श्रष्टि शर्मा की मौत हो गई। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है। इसमें छात्रा के शव को वापस भारत लाने की बात कही गई है।

रूस में ऐसे हो गई छात्रा की मौत

मृतक छात्रा रूस के उफी की बष्किर यूनिवर्सिटी की छात्रा थी। वह वहां रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। मृतक छात्रा एमबीबीएएस फाइनल ईयर की स्टूडेंट थी। बताया गया है कि छात्रा अपनी छह दोस्तों के साथ कार से घूमने निकली थी,लेकिन तभी रास्ते में उनकी गाड़ी का पहिया निकल गया और गाड़ी का दरवाजा खुल गया। इससे श्रष्टि गाड़ी से बाहर निकलकर रोड़ पर गिर गई। वह रास्ते में काफी दूर तक घिसटती चली गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि गाड़ी में मौजूद ड्राइवर और अन्य यात्रियों को चोट नहीं आई है।

मौत की खबर सुनकर बेहोश हुए पेरेंट

घर वालों को घटना के बारे में श्रष्टि की दोस्त जोया के जरिए पता चला। जोया भी मैहर की रहने वाली है और रसिया में रहकर ही पढ़ाई कर रही है। जोया ने अपने पिता को इसके बारे में सूचित किया, इसके बाद उनके पापा श्रष्टि के घर गए और इसके बारे में बताया। श्रष्टि के पिता डॉ रामकुमार और माता ममता शर्मा बच्ची के मरने की खबर सुनकर बेहोश हो गए। डॉ रामकुमार की एकलौती संतान थी। वो उसे मेडिकल की पढ़ाई पढ़ाने के बाद मैहर में ही अपने क्लीनिक में बैठाने वाले थे। वह अभी रक्षाबंघन पर आई थी और परिवार को उम्मीद थी कि वो जल्दी ही मेडिकल की पढ़ाई खत्म करके वापस लौट आएगी।

विदेश मंत्रालय ने दिया मदद का भरोसा

घटना की जानकारी मध्य प्रदेश सरकार तक पहुंचाई गई तो भारत सरकार के जरिए पार्थिव शरीर को वापस भारत लाने के लिए सहायता मांगी गई। इसके लिए विदेश मंत्रालय ने हर जरूरी मदद मुहैया कराने का भरोसा दिलाया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अब तक बेटी के डॉक्टरी बनने के सपने देखे जा रहे थे मगर आज सब चखनाचूर हो गए।



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