Rajasthan
संविदा कर्मी के आत्महत्या से दुखी हूं, अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार से कर दी बड़ी मांग

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने राजस्थान हाई कोर्ट में एक संविदा कर्मचारी के आत्महत्या करने पर दुख जताया है। साथ ही राज्य के संविदाकर्मियों को लेकर भजनलाल सरकार से एक बड़ी मांग कर दी।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने राजस्थान हाई कोर्ट में एक संविदा कर्मचारी के आत्महत्या करने पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि संविदाकर्मी मनीष सैनी द्वारा आत्महत्या बेहद दुखद है। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोकाकुल परिजनों को हिम्मत देने की प्रार्थना की। साथ ही राज्य के संविदाकर्मियों को लेकर भजनलाल सरकार से एक बड़ी मांग कर दी।
अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार को स्क्रीनिंग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर संविदाकर्मियों का नियमितीकरण कर उन्हें उचित वेतनमान देना चाहिए। गहलोत ने शुक्रवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में एक संविदा कर्मचारी के आत्महत्या कर लेने का मामला सामने आने के बाद सरकार से यह मांग की।
उन्होंने कहा कि मनीष एक अल्प वेतन भोगी संविदा कर्मी थे। राज्य सरकार को पीड़ित परिजनों की आर्थिक सहायता सुनिश्चित करनी चाहिए। गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार के समय करीब एक लाख दस हजार संविदाकर्मियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए कॉन्ट्रेक्चुल सर्विस रूल्स बनाए थे एवं स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू की थी। वर्तमान सरकार को अविलंब उक्त प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर सभी संविदाकर्मियों का नियमितीकरण कर उचित वेतनमान देना चाहिए।
बता दें कि मनीष सैनी हाई कोर्ट में संविदा पर कार्यरत थे। शुक्रवार सुबह 7 बजे वह हाई कोर्ट आए और कुछ देर बाद फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली। साथी कर्मचारी बताते हैं कि काफी कम तनख्वाह मिलने और दूसरे कर्मियों के व्यवहार से वह परेशान थे। उनकी नियमित भर्ती का मामला कोर्ट में था। इस मुकदमें में वह लाखों रुपये खर्च कर चुके थे। आर्थिक और मानसिक दबाव से परेशान मनीष ने आखिरकार हाई कोर्ट परिसर में आत्महत्या कर ली।