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Uttarakhand

PCS अधिकारी से फ्लैट के नाम पर लाखों की ठगी, आरोपी पर मुकदमा दर्ज!

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PCS अधिकारी से फ्लैट के नाम पर लाखों की ठगी, आरोपी पर मुकदमा दर्ज!


Nainital Fraud Case: हल्द्वानी में एक वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी के साथ फ्लैट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

हल्द्वानी (नैनीताल): जिले में ज़मीन और फ्लैट से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताज़ा मामला एक वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी से जुड़ा है, जिनसे एक ठेकेदार ने फ्लैट दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी की। पीड़ित अधिकारी की शिकायत पर काठगोदाम थाना पुलिस ने आरोपी ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

फ्लैट के नाम पर ठगी:
वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी बी.एल. फिरमाल ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वर्ष 2017 में उनकी मुलाकात ठेकेदार धनंजय गिरि से हुई थी। उस समय गिरि ने उन्हें दमुवाढूंगा क्षेत्र में निर्माणाधीन एक हाउसिंग प्रोजेक्ट के तीसरी मंजिल पर स्थित करीब 1400 वर्ग फुट के फ्लैट को ₹40 लाख में बेचने का प्रस्ताव दिया। विश्वास में लेते हुए ठेकेदार को अधिकारी ने ₹5 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान चेक के माध्यम से कर दिया।

तीन साल में फ्लैट देने का किया था वादा:
ठेकेदार ने भरोसा दिलाया था कि तीन साल के भीतर प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा और उन्हें फ्लैट मिल जाएगा। लेकिन समय बीतने के बावजूद न तो फ्लैट मिला और न ही कोई स्पष्ट जानकारी।

बैंक से लोन का हुआ खुलासा:
बाद में जांच करने पर सामने आया कि जिस फ्लैट का एग्रीमेंट ठेकेदार ने पीसीएस अधिकारी से किया था, उसी पर गिरि ने एक बैंक अधिकारी से मिलकर पहले ही लोन ले रखा था। जब अधिकारी को धोखाधड़ी का संदेह हुआ, तो उन्होंने काठगोदाम थाने में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा:
काठगोदाम थाना प्रभारी पंकज जोशी ने बताया कि ठेकेदार धनंजय गिरि और एक अज्ञात बैंक अधिकारी के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि जांच निष्पक्ष रूप से की जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर अन्य संदिग्धों को भी पूछताछ के दायरे में लाया जाएगा।

धोखाधड़ी का पुराना इतिहास:
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, धनंजय गिरि पर पहले भी कई संगीन मामलों में केस दर्ज हैं। वर्ष 2019 में एक प्रतिष्ठित व्यवसायी ने उसके खिलाफ मारपीट और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। उस मामले में भी गिरि और उसके साथियों पर कार्रवाई की गई थी। धनंजय गिरि हल्द्वानी में पहले मजदूरी करता था और धीरे-धीरे ठेकेदारी के क्षेत्र में सक्रिय हो गया। वह लंबे समय तक फरार रहा और 2024 में पुलिस द्वारा गिरफ्तार भी किया गया था।

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