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Lok Sabha elections 2024 Shiromani Akali Dal will join NDA formal announcement soon

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Lok Sabha elections 2024 Shiromani Akali Dal will join NDA formal announcement soon

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Lok Sabha elections 2024: पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी में गठबंधन लगभग तय हो गया है, जिसका औपचारिक ऐलान कभी भी संभव है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि दोनों पार्टियों के बीच अब सिर्फ सीट बंटवारे पर पेंच फंसा है। शिरोमणि अकाली दल पुराने फार्मूले की तरह ही पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से 8 पर खुद लड़ना चाहता है और 5 सीटें बीजेपी को देना चाहता है, जबकि बीजेपी इस बार ज्यादा सीटें चाहती है और केंद्र व अन्य राज्यों में बढ़ रहे जनाधार को आधार बनाते हुए अकाली दल को 7 और खुद 6 सीटों पर लड़ना चाहती है। सीट बंटवारे का फार्मूला अगले 1 से 2 दिन में तय हो सकता है।

दिल्ली में दोनों दलों की बैठकों के दौर चलने के बाद शुक्रवार को यहां प्रदेश के संघ नेताओं की बैठक के बाद प्रदेश भाजपा नेताओं की बैठक हुई। सेक्टर-29 स्थित सेवा धाम में दोपहर 12.30 से सायं 6 बजे तक चली मैराथन बैठक की अध्यक्षता भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी.एल. संतोष ने की। वह पंजाब के संघ नेताओं से अकाली दल के साथ संभावित गठबंधन के संबंध में फीडबैक लेने आए थे। बैठक में प्रदेश भाजपा प्रभारी विजय रूपाणी, सह-प्रभारी डा. नरेंद्र रैना, भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी व सांसद अरुण सिंह और राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ भी मौजूद थे। अब दोनों दलों में बातचीत करीब अंतिम दौर में पहुंच चुकी है और बसंत पंचमी के आसपास गठजोड़ पर औपचारिक मुहर लग जाएगी। दोनों दल सांझा रैली कर गठबंधन की घोषणा कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो अकाली दल अब तक भाजपा कोटे की 3 सीटों अमृतसर, गुरदासपुर और होशियारपुर के साथ पटियाला सीट भी छोड़ने को तैयार है मगर भाजपा लुधियाना और जालंधर में से भी 1 सीट और मांग रही है।

शाह और नड्डा से मुलाकात कर चुके अकाली नेता

सूत्रों के मुताबिक अकाली दल के कुछ बड़े नेता दिल्ली में पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के साथ मुलाकात कर चुके हैं। एक वरिष्ठ अकाली नेता ने बताया कि 3 वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने भाजपा के दोनों सीनियर नेताओं से मुलाकात की थी। इनमें 1 लोकसभा और 1 राज्यसभा का पूर्व सांसद भी शामिल था। वहीं, पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी दिल्ली पहुंच गए थे। हालांकि उनका वहां 2 दिन ठहरने का प्रोग्राम था मगर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें और 2 दिन रुकने के लिए कहा था। अकाली दल द्वारा गठबंधन की बातचीत का सिलसिला शुरू किए जाने के बाद शीर्ष नेतृत्व ने जाखड़ के साथ इस मुद्दे पर बातचीत की थी।

ढींडसा की भी होगी वापसी

गठबंधन पर मुहर लगने से पहले सुखदेव सिंह ढींडसा की भी अकाली दल (बादल) में वापसी तय मानी जा रही है। खास बात यह है कि ढींडसा इस समय भाजपा के साथ गठजोड़ में हैं। शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के अध्यक्ष सुखदेव सिंह ढींडसा पार्टी वर्करों से शिरोमणि अकाली दल (बादल) के साथ जाने के बारे में अपने वर्करों के विचार जानने के लिए दिसंबर में ही कमेटी बना चुके हैं। खास बात यह है कि इससे पहले सुखबीर सिंह बादल ने बेअदबी मामले में अमृतसर में पंथ से माफी मांगते हुए नाराज होकर अलग हुए नेताओं और वर्करों से वापस पार्टी में लौटने की अपील की थी। ढींडसा के एक नजदीकी नेता ने बताया कि पार्टी के अधिकांश नेता अकाली दल (बादल) के साथ वापस जाना चाहते हैं। हालांकि पार्टी ने अंतिम निर्णय ढींडसा पर छोड़ रखा है।

रिपोर्ट: मोनी देवी

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