Connect with us

Uttar Pradesh

अनिल अंबानी ग्रुप के 50 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी

Published

on

अनिल अंबानी ग्रुप के 50 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी



लोन फ्रॉड केस: अनिल अंबानी से जुड़ी 48 से 50 लोकेशनों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) का सर्च ऑपरेशन जारी है। यह कार्रवाई केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा लोन फ्रॉड से जुड़े दो एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद की जा रही है।

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों (RAAGA Companies) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों की जांच शुरू कर दी है। अनिल अंबानी से जुड़ी करीब 48 से 50 लोकेशनों पर आज देशभर में एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। यह बड़ी कार्रवाई केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज दो एफआईआर के बाद की गई है।

लोन लेकर किया पैसों का दुरुपयोग

जांच में सामने आया है कि RAAGA समूह की कंपनियों ने बैंकों से मोटी रकम के लोन लिए, लेकिन उनका इस्तेमाल कारोबार में न कर, अन्य कंपनियों में घुमाकर निवेशकों, आम जनता और सरकारी संस्थाओं के साथ धोखाधड़ी की गई। ईडी को इस मामले में कई अहम सुराग मिले हैं।

इन संस्थानों ने दी ईडी को मदद

इस हाई-प्रोफाइल मामले में नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं ने प्रवर्तन निदेशालय को महत्वपूर्ण सूचनाएं उपलब्ध कराई हैं।

ईडी की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे

प्राथमिक जांच में पता चला है कि साल 2017 से 2019 के बीच RAAGA कंपनियों ने यस बैंक (Yes Bank) से करीब 3000 करोड़ रुपये का लोन लिया था। इन फंड्स को बाद में अलग-अलग कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया गया। ईडी को ऐसे साक्ष्य भी मिले हैं जिनसे लोन पास कराने के लिए यस बैंक के अधिकारियों और प्रमोटर्स को रिश्वत देने की बात सामने आई है।

लोन प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं

ईडी ने खुलासा किया है कि यस बैंक ने अपने ही नियमों को ताक पर रखते हुए RAAGA समूह को लोन जारी किए। क्रेडिट एनालिसिस किए बिना, आवश्यक दस्तावेजों के बिना और बैकडेट में कागजात तैयार कर लोन मंजूर किए गए। कई कंपनियों के डायरेक्टर्स और रजिस्टर्ड एड्रेस तक एक जैसे पाए गए। कुछ मामलों में तो लोन पास होने से पहले ही राशि ट्रांसफर कर दी गई।

SEBI ने RHFL के संदिग्ध ट्रांजेक्शन की सूचना दी

SEBI द्वारा ईडी को दी गई जानकारी के अनुसार, रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) ने केवल एक साल के भीतर अपने कॉरपोरेट लोन को 3742 करोड़ से बढ़ाकर 8670 करोड़ रुपये कर दिया था, जिसे बेहद संदिग्ध माना जा रहा है।

यह भी पढ़े 



Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement