Uttarakhand
how abdul malik arrested in delhi by lawyer mistake mastermind haldwani violence
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Abdul Malik: उत्तराखंड के साथ-साथ कुल चार राज्यों की पुलिस हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को खोज रही थी। यह शक जताया जा रहा था कि वह नेपाल या किसी गल्फ कंट्री में छिपा हुआ है। पुलिस के साथ उसने 16 दिनों तक लुका छुपी का खेल खेला। कई राज्यों के साथ-साथ नेपाल बॉर्डर पर भी अब्दुल के वॉन्टेड वाले पोस्टर चस्पा किए गए। ऐसे में शनिवार को पुलिस ने उसे राजधानी दिल्ली से दबोचा है। हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस को अब्दुल के वकीलों से ही एक अहम सुराग मिला। इसके बाद पुलिस वहां पहुंच गई जहां मास्टरमाइंड छिपा हुआ था…
वकीलों से हुई एक चूक
अब्दुल मलिक को गिरफ्तारी से बचाने के लिए उसके वकीलों ने हल्द्वानी की एक अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। यह याचिका शनिवार को दायर की गई थी, इसपर 27 फरवरी को सुनवाई होनी थी। हालांकि सुनवाई से पहले ही पुलिस ने अब्दुल को दबोच लिया। ‘आजतक’ की रिपोर्ट के मुताबिक, वकीलों ने जो अग्रिम जमानत दायर की थी उसमें दिल्ली का एक पता दिया गया था। पुलिस को यह इनपुट मिल गया। इसके बाद उस पते पर पुलिस की टीम भेजी गई। वहां 16 दिनों से गायब चल रहा अब्दुल मलिक मिल गया। पुलिस ने उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया।
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गिरफ्तारी के बाद का पहला वीडियो
दिल्ली में अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी के बाद नैनीताल पुलिस हल्द्वानी पहुंच गई है। अरेस्ट होने के बाद उसका पहला वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में वह अपना चेहरा सफेद रंग के कपड़े से ढका हुआ है, पुलिस उसे कहीं ले जा रही है।
गौरतलब है कि बनभूलपुरा में अवैध मदरसे पर बुलडोजर ऐक्शन के बाद हिंसा भड़क गई थी। उपद्रवियों ने पत्थरों और पेट्रोल बम से पुलिसवालों पर अटैक कर दिया था। इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई। अब्दुल मलिक को इसका मास्टरमाइंड बताया गया। उसकी संपत्ति भी कुर्क की गई। वह 24 कमरे के एक आलीशान मकान में रहता था। इस केस में अब तक 79 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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