Delhi
घर से बुलाकर ले गए, हत्या कर जंगल में फेंकी लाश; गाजियाबाद के 18 साल पुराने केस में आया फैसला
गाजियाबाद में घर से बुलाकर युवक की हत्या करने वाले चार दोषियों को एडीजे-छह (जिला सत्र न्यायालय) की अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने चारों अभियुक्तों पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही इस मामले के दो आरोपियों को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी भी कर दिया। यह वारदात गाजियाबाद के लोनी थानाक्षेत्र में लगभग 18 साल पहले हुई थी।
जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद्र शर्मा व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुनील कौशिक ने केस की जानकारी देते हुए बताया कि लोनी थानाक्षेत्र के निठौरा गांव में रहने वाला मनोज पिता महिपाल 17 नंबवर 2006 की शाम घर में बैठकर अपने भाई ओम प्रकाश से बात कर रहा था। तभी कार में सवार होकर रघुराज व अन्य आरोपी आए।
उन्होंने मनोज से कहा कि तुम्हारा राजेंद्र के साथ समझौता करा देते हैं। इसके बाद वह मनोज को साथ लेकर खेत में चले गए। देर रात तक मनोज घर नहीं लौटा तो परिजनों ने पुलिस से शिकायत की। अगले दिन मनोज का शव कार में महमूदपुर के जंगल में मिला।
मृतक के भाई ओमप्रकाश की शिकायत पर पुलिस ने रघुराज, राजेंद्र, चाहतराम, बिजेंद्र, ऋषि व राकेश को खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसके बाद पुलिस ने इन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुख्ता साक्ष्यों व गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने रघुराज, राजेंद्र, चाहतराम, बिजेंद्र को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। वहीं साक्ष्यों के अभाव में अदालत ने ऋषि व राकेश को बरी कर दिया।