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3 साल की कानूनी लड़ाई के बाद मिला इंसाफ; दिल्ली की अदालत ने बुजुर्ग महिला के हक में सुनाया फैसला

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3 साल की कानूनी लड़ाई के बाद मिला इंसाफ; दिल्ली की अदालत ने बुजुर्ग महिला के हक में सुनाया फैसला


विदेश में घुमाने के नाम पर एक बुजुर्ग महिला से टूर एंड ट्रेवल कंपनी ने सवा तीन लाख रुपये की एडवांस राशि ली। इसी दौरान कोविड-19 आ गया। इस कारण कंपनी उनको विदेश ले जाने में असफल रही और पैसे भी नहीं लौटाए।

Praveen Sharma हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हेमलता कौशिकSun, 13 Oct 2024 01:07 AM
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विदेश में घुमाने के नाम पर एक बुजुर्ग महिला से टूर एंड ट्रेवल कंपनी ने सवा तीन लाख रुपये की एडवांस राशि ली। इसी दौरान कोविड-19 आ गया। इस कारण कंपनी उनको विदेश ले जाने में असफल रही और पैसे भी नहीं लौटाए। अपने रुपये वापस पाने के लिए महिला ने तीन साल तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। दिल्ली की उपभोक्ता अदालत ने इस मामले में अब बुजुर्ग के हक में फैसला सुनाया है।

कश्मीरी गेट स्थित जिला उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग के अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह और सदस्य रश्मि बंसल की अदालत ने बुजुर्ग महिला अंजनी वी राघवन को मानिसक, शारीरिक और आर्थिक तौर पर प्रताड़ित करने के लिए टूर एंड ट्रेवल कंपनी को दोषी ठहराया है।

अदालत ने फैसले में कहा कि बुजुर्ग ने एक बार विदेश यात्रा की अपनी इच्छा पूरी करने के लिए मुश्किल से रकम जोड़ी थी। शिकायत में कहा गया था कि महिला की बचपन से विदेश घूमने की इच्छा थी, तब उनके पास पैसे नहीं थे। लम्बे समय से उन्होंने पाई-पाई जोड़कर यह रकम जुटाई थी।

छह फीसदी का ब्याज भी मिलेगा : उपभोक्ता अदालत ने टूर एंड ट्रेवल कंपनी को निर्देश दिया है कि वह बुजुर्ग महिला को उसके सवा तीन लाख रुपये लौटाए। साथ ही इस रकम पर पिछले तीन साल का छह फीसदी के हिसाब से ब्याज का भुगतान भी शिकायतकर्ता महिला को दिया जाए। इसके अलावा बुजुर्ग को 25 हजार रुपये मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना के लिए दिए जाएंगे। वहीं, मुकदमा खर्च के तौर पर टूर एंड ट्रेवल कंपनी को 15 हजार रुपये अतिरिक्त देने होंगे।

बेंगलुरु की रहने वाली बुजुर्ग महिला ने दर्ज कराई थी शिकायत

बेंगलुरु में रहने वाली बुजुर्ग महिला ने जून 2020 में एक अखबार में आए विज्ञापन के आधार पर दिल्ली स्थित टूर एंड ट्रेवल कंपनी से संपर्क किया। उनका विदेशी टूर 22 अप्रैल 2021 से शुरू होना था, जोकि 15 दिनों और 14 रात का था। कई विदेशी गंतव्यों को उन्हें घूमाने का वादा किया गया था। उन्हें आश्वासान दिया गया कि सवा तीन लाख रुपये में हवाई टिकट, होटल बुकिंग, वीजा आवेदन व अन्य शुल्क आदि शामिल होंगे। यदि कोविड-19 के कारण उनका टूर रद्द होता है तो तुरंत पैसा वापस लौटाया जाएगा, लेकिन रकम नहीं लौटाई गई। इसके चलते उनको बेंगलुरु से अपनी कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए दिल्ली आना पड़ा, क्योंकि कंपनी का ऑफिस दिल्ली के आसफ अली रोड पर स्थित है।



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