Delhi
दिल्लीवालों को जहरीली हवा से नहीं मिलेगी राहत, AQI 350 पार; धुंध और धुएं ने बढ़ाई आफत, एनसीआर न्यूज़
Delhi Air Pollution: दिल्ली में सांसो पर संकट मंडराने लगा है। राजधानी में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक बुधवार को इस मौसम में पहली बार 350 अंक को पार कर गया और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। वहीं लोगों को प्रदूषणयुक्त हवा में सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
दिल्ली में सांसो पर संकट मंडराने लगा है। राजधानी में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक बुधवार को इस मौसम में पहली बार 350 अंक को पार कर गया और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। वहीं लोगों को प्रदूषणयुक्त हवा में सांस लेने में तकलीफ हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नेशनल बुलेटिन के अनुसार, बुधवार सुबह 11 बजे औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 366 (बहुत खराब) थी। शाम 4 बजे एक्यूआई 364 के मार्क पर पहुंच गया। वहीं मंगलवार शाम 4 बजे औसत एक्यूआई 327 दर्ज किया गया था।
पूर्वानुमानों के अनुसार, दिल्ली का एक्यूआई शनिवार तक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहेगा और अगले हफ्ते ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच सकता है। बुधवार को प्रदूषण के उच्च स्तर में मुख्य योगदान शांत सतही हवाओं, कम तापमान, लोकल एमिशन और उत्तर-उत्तरपश्चिमी हवाओं के जरिए दिल्ली में पराली उत्सर्जन का प्रवेश रहा। ये सभी नियमित कारक हैं। शहर में धुंध की मोटी परत छाई हुई है, क्योंकि लगभग सभी मौसम निगरानी स्टेशन लाल क्षेत्र में आ गए हैं। कई क्षेत्र केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कलर-कोडिंग वार्निंग के अनुसार मैरून क्षेत्र में आ गए हैं।
पराली का बढ़ेगा योगदान
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को प्रमुख प्रदूषक पीएम10 (पार्टिकुलेट मैटर) और पीएम2.5 थे। दिल्ली में पीएम2.5 के लोड में सबसे बड़ा योगदान दिल्ली के परिवहन क्षेत्र का रहा, जिसका अनुमानित योगदान 13.5 प्रतिशत था। इस मौसम में पहली बार पीएम2.5 लोड में खेतों में पराली जलाने का अनुमानित योगदान डबल डिजिट में दर्ज किया गया। डिसिजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) ने कहा कि मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिमी हवाओं की वजह से गुरुवार को पराली का योगदान बढ़कर लगभग 15 प्रतिशत हो सकता है।
एनसीआर में वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन जोड़े जाएंगे
इसी बीच केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को सूचित किया है कि वह अपने नेटवर्क को सघन बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में और ज्यादा वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन जोड़ने पर विचार कर रहा है। बुधवार को ट्रिब्यूनल को सौंपी गई रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में मौजूदा नेटवर्क में मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों स्टेशन जोड़े जाएंगे, लेकिन दिल्ली या राजस्थान के एनसीआर शहरों में कोई अतिरिक्त स्टेशन जोड़ने की योजना नहीं है, क्योंकि वहां का नेटवर्क फिलहाल पर्याप्त है।