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क्या होता है कंजेशन चार्ज, जिसे दिल्ली में लगाने का प्लान बना रही सरकार; किसे मिलेगी राहत

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क्या होता है कंजेशन चार्ज, जिसे दिल्ली में लगाने का प्लान बना रही सरकार; किसे मिलेगी राहत


दिल्ली सरकार लंदन, सिंगापुर और न्यूयॉर्क की तर्ज पर राजधानी में भीड़ वाली सड़कों से गुजरने वाले वाहनों पर भीड़ कर (कंजेशन चार्ज) लगाने की तैयारी कर रही है। पहले चरण में दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश के लिए 13 प्रमुख स्थानों को चिन्हित किया गया है।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 24 Oct 2024 01:31 AM
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दिल्ली सरकार लंदन, सिंगापुर और न्यूयॉर्क की तर्ज पर राजधानी में भीड़ वाली सड़कों से गुजरने वाले वाहनों पर भीड़ कर (कंजेशन चार्ज) लगाने की तैयारी कर रही है। पहले चरण में दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश के लिए 13 प्रमुख स्थानों को चिन्हित किया गया है। यह शुल्क पीक आवर्स में सुबह 8 बजे से 10 बजे तक और शाम को 5.30 बजे से 7.30 बजे तक लगाने का विचार है। सरकार का मकसद सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करके उससे होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाना है।

फास्टटैग से वसूला जाएगा

एक अधिकारी ने बताया कि हमने सड़कों पर भीड़ कर लगाने का एक प्रस्ताव तैयार किया है। इसे लेकर कई अलग-अलग हितधारकों के साथ कई बैठकें भी हो चुकी है। इस प्रस्ताव पर कानूनी पहलुओं को जानने के लिए भीड़ कर के प्रस्ताव को कानून विभाग के पास भी भेजा गया है। मोटर वाहन अधिनियम में इस तरह के शुल्क लगाने का प्रावधान है, सवाल सिर्फ इतना है कि उसे कैसे लागू किया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि यह कंजेशन चार्ज पूरी तरह से बैरियर फ्री होगा। इसे फास्टटैग या आरएफआईडी टैग के जरिए वसूला जाएगा।

दुपहिया वाहनों को राहत

वरिष्ठ परिवहन अधिकारी ने बताया कि इसे लेकर एनपीसीआई (नेशनल पेमेंट गेटवे ऑफ इंडिया) के साथ भी बैठक हो चुकी है। दुपहिया वाहन, इलेक्ट्रिक वाहनों को इस भीड़ कर से राहत दी जाएगी। इसके जरिए वसूले जाने वाले रुपये को परिवहन व्यवस्था को दुरूस्त करने पर ही खर्च किया जाएगा। दिल्ली में अभी 13 प्रवेश सीमाएं है, जहां पर पीक आवर्स में जाम लगता है।

पहले भी आ चुका है प्रस्ताव

बताते चलें कि दिल्ली की सड़कों पर भीड़ कर वसूलने की योजना पहली बार नहीं बनाई जा रही है। वर्ष 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के प्रयोग को बढ़ाने के लिए पीक आवर्स में अतिरिक्त टैक्स देने का प्रस्ताव बनाया था, मगर वह लागू नहीं हो पाया। फिर 2018 में एनसीआर प्लानिंग बोर्ड में भी कंजेशन शुल्क वसूलने की योजना बना थी, लेकिन यह लागू नहीं हो पाया था।



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