Delhi
7000 करोड़ के घाटे में दिल्ली सरकार, आय कम और खर्च ज्यादा; BJP का दावा, CAG करें जांच
भाजपा ने शुक्रवार को एक बार फिर ‘आप’ पर दिल्ली की अर्थव्यवस्था को ‘बर्बाद’ करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं भाजपा का दावा है कि दिल्ली सरकार का 2024-25 का बजट 7,000 करोड़ रुपये के घाटे में है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को एक बार फिर आम आदमी पार्टी (आप) पर दिल्ली की अर्थव्यवस्था को ‘बर्बाद’ करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं भाजपा का दावा है कि दिल्ली सरकार का 2024-25 का बजट 7,000 करोड़ रुपये के घाटे में है। भाजपा के दावों और आरोपों पर दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बजट में “खाते में हेराफेरी” का आरोप लगाया और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) से इसकी जांच कराने की मांग की।
बांसुरी स्वराज ने दावा किया, “आप सरकार ने पिछले साल 10,000 बस मार्शलों को हटा दिया क्योंकि उसने उनके वेतन के लिए कोई प्रावधान नहीं किया था। वोकेशनल टीचर्स को भी इसी कारण से हटाया गया।”
उन्होंने दावा किया कि आय कम और खर्च अधिक है, जिसके कारण दिल्ली सरकार 7,000 करोड़ रुपये के घाटे में है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास सैलरी और कचरा उठान जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए भी पैसे नहीं हैं।
नई दिल्ली की सांसद ने आरोप लगाया कि आप ‘प्रचार और भ्रष्टाचार’ में व्यस्त है और इसके नेता अरविंद केजरीवाल को केवल सत्ता हासिल करने की चिंता है, उन्हें लोगों के हितों की कोई परवाह नहीं है।
‘आप’ सरकार ने विधायक निधि में 5 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की
वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले गुरुवार को वार्षिक विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि को 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये कर दिया, ताकि विकास परियोजनाओं में तेजी लाई जा सके। मुख्यमंत्री आतिशी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। आतिशी के अनुसार, यह देश में विधायक-स्थानीय क्षेत्र विकास (एलएडी) निधि का सबसे अधिक आवंटन है और अधिकांश अन्य राज्यों की तुलना में तीन गुना अधिक है। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि देश में कोई भी अन्य राज्य इतनी अधिक निधि उपलब्ध नहीं कराता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव अगले साल फरवरी में होने की उम्मीद है।
शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज के साथ मौजूद आतिशी ने कहा कि लोकतंत्र में विधायक-एलएडी निधि बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका उपयोग विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए करते हैं।
अन्य राज्यों से तुलना करते हुए मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि गुजरात प्रत्येक विधायक को 1.5 करोड़ रुपये आवंटित करता है, जबकि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में विधायकों को 2-2 करोड़ रुपये मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, केरल और राजस्थान जैसे बड़े राज्य भी केवल पांच करोड़ रुपये आवंटित करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “अब दिल्ली में विधायकों को प्रति वर्ष 15 करोड़ रुपये मुहैया किया जाएगा… यह न केवल देश में सबसे अधिक है, बल्कि अधिकांश राज्यों की तुलना में तीन गुना अधिक है।”
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में ‘आप’ सरकार दिल्ली के लोगों के लिए काम कर रही है – चाहे वे झुग्गी-झोपड़ियों, अनधिकृत कॉलोनियों या कोठियों में क्यों न रहते हों।
भारद्वाज ने कहा कि निधि बढ़ाने का मुख्य कारण यह सुनिश्चित करना है कि विभागीय मंजूरी के कारण विलंबित हो रही परियोजनाएं अब शुरू हो सकें, ताकि लोगों को तत्काल राहत मिल सके।
उन्होंने कहा, “ इस साल दिल्ली में बहुत ज़्यादा बारिश हुई है, जिसकी वजह से सड़कें, पार्क, पैदल पथ और दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ज़्यादा बारिश की वजह से कई जगहों पर सीवर जाम हो गए या उनमें गाद भर गई। साथ ही, नई सीवर लाइन भी बिछाई गई है।”