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Uttarakhand

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा पर संगोष्ठी में किया प्रतिभाग…

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा पर संगोष्ठी में किया प्रतिभाग…


देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज वाडिया इंस्टीट्यूट में आयोजित संगोष्ठी “जलवायु परिवर्तन एवं नवीकरणीय ऊर्जा: चुनौतियाँ और समाधान” में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जलवायु परिवर्तन की गंभीरता पर बात की और कहा कि यह संपूर्ण विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। उन्होंने पिछले साल की गर्मी का अनुभव साझा करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण देहरादून और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान पहले की तुलना में काफी बढ़ चुका है।

मुख्यमंत्री ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जलवायु परिवर्तन के समाधान पर गहरी चर्चा करने को सराहनीय कदम बताया और कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को सशक्त बनाने में मदद करेंगी।

राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे पर्यावरणीय प्रयासों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “हरियाली मिशन” के तहत लाखों पौधे लगाए जा रहे हैं, और “जल शक्ति अभियान” के तहत 1000 गांवों में तालाबों एवं जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। साथ ही, स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी का गठन किया गया है, जिसके तहत 5500 जल स्रोतों और 292 सहायक नदियों का उपचार किया जा रहा है।

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उन्होंने वाडिया इंस्टीट्यूट के सहयोग से स्थापित ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की भी चर्चा की, जो प्राकृतिक परिवर्तन और ग्लेशियरों के क्षरण को समझने में सहायक होगा। मुख्यमंत्री ने राज्य में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों की विशेषता भी साझा की, जिसमें ग्रीन-गेम्स की थीम को अपनाया गया था और प्रत्येक मेडल विजेता के नाम पर रूद्राक्ष के पौधे लगाए गए थे।

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इसके अलावा, उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जहां जीडीपी की तरह ग्रोस इनवायरनमेंट प्रोडक्ट (GEP) इंडेक्स तैयार किया जा रहा है, जिससे जल, वन, भूमि और पर्वतों के पर्यावरणीय योगदानों का मूल्यांकन किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ग्रीन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है और 2027 तक 1400 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने के उद्देश्य से “नई सौर ऊर्जा नीति” लागू की है।

“पीएम सूर्यघर योजना” और “मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना” के अंतर्गत सोलर पैनल स्थापित करने के लिए प्रदेशवासियों को सब्सिडी का लाभ भी मिल रहा है।

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