Connect with us

Uttarakhand

आसन झील में पहली बार दिखाई दिए पलाश फिश ईगल के दो जोड़े, पक्षी प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी…

Published

on

आसन झील में पहली बार दिखाई दिए पलाश फिश ईगल के दो जोड़े, पक्षी प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी…


देहरादून – सर्दी के मौसम में आसन रामसर साइट की झील पर उड़ान भरने वाला पलाश फिश ईगल इस बार पक्षी प्रेमियों के लिए एक बड़ी सौगात लेकर आया है। आसन के इतिहास में पहली बार पक्षी गणना के दौरान ईगल के दो जोड़े स्पॉट किए गए हैं। पलाश फिश ईगल, जिसे समुद्री ईगल के रूप में भी जाना जाता है, विश्व की अत्यंत दुर्लभ प्रजाति में आता है और इसकी उपस्थिति ने सभी को चौंका दिया है।

आसन रामसर साइट में सर्दी का मौसम आते ही साइबेरिया, यूरोप, ईरान, इराक, अफगानिस्तान और उच्च हिमालयी क्षेत्रों से भारी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं। इस दौरान पलाश फिश ईगल भी रामसर साइट के आसमान में उड़ान भरते हुए दिखाई देता है, लेकिन इसकी संख्या कभी भी दो से अधिक नहीं देखी गई थी। इस बार पक्षी गणना के दौरान दो जोड़े दिखाई दिए, जो पक्षी प्रेमियों के लिए खुशी की बात है।

वन विभाग के पक्षी विशेषज्ञ और वन दरोगा प्रदीप सक्सेना ने बताया कि इस बार पक्षी गणना में ईगल के दो जोड़े स्पॉट किए गए हैं, जो इस दुर्लभ प्रजाति के बढ़ते आंकड़ों का संकेत हैं। यह पक्षी प्रेमियों के लिए उत्साह का विषय है कि उनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

पलाश फिश ईगल की दुर्लभता
पलाश फिश ईगल को विश्व में एक अत्यंत दुर्लभ प्रजाति के पक्षी के रूप में माना जाता है। केवल 2500 पक्षी ही विश्व भर में गिने जाते हैं। यह पक्षी 84 सेमी लंबा होता है और इसके पंखों का फैलाव लगभग 215 सेमी तक हो सकता है। मादा पक्षी का वजन तीन किलो और नर का वजन करीब सात किलो होता है।

घोंसला बनाने की संभावना
कई साल पहले तक पलाश फिश ईगल का जोड़ा रामपुर मंडी स्थित वन आरक्षी प्रशिक्षण संस्थान के जंगल में ऊंचे पेड़ पर अपना घोंसला बनाता रहा है। हालांकि, पिछले चार सालों में यह जोड़ा इस क्षेत्र में नहीं आया था, लेकिन दो साल बाद एक पक्षी दिखाई दिया और फिर से यह जोड़ा प्रवासी पक्षियों के साथ क्षेत्र में उड़ान भरने लगा। अब जब कि रामसर साइट में दो जोड़े दिखाई दिए हैं, पक्षी विशेषज्ञों को उम्मीद है कि वे अपना घोंसला भी बना सकते हैं।

#PalashFishEagle #AsanRamserSite #RareBirds #WinterMigration #BirdWatchingIndia #EagleSightings #SiberianBirds #ConservationEfforts #BirdsOfIndia #RareSpecies #WildlifeConservation



Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement