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Mahashivratri vrat dhan labh ke upay putr prapti ke liye shiv puja vidhi

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Mahashivratri vrat dhan labh ke upay putr prapti ke liye shiv puja vidhi


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Mahashivratri Shiv Puja : महाशिवरात्रि व्रत पूजा प्रदोष काल में प्रारंभ की जाती है। इस विशेष दिन पर शिवयोग बन रहा है जो मध्य रात्रि 12:05 तक रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग शुरू हो जाएगा। इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र का भी योग बन रहा है जो प्रातः 8:12 से दूसरे दिन शनिवार को प्रातः 6:42 तक रहेगा। यह तिथि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि रात्रि में 7:50 बजे है। इसके बाद चतुर्दशी का प्रवेश हो जाएगा। क्योंकि महाशिवरात्रि महा चतुर्दशी के दिन ही होता है। जो दूसरे दिन नौ मार्च को शनिवार की संध्या 5: 09 बजे तक ही रहेगा। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन शिवयोग और सिद्ध योग बन रहा है। साथ ही इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। इस दिन चार प्रहर में चार बार पूजन करने का विधान है। इसलिए चार बार रुद्राभिषेक भी संपन्न किया जायेगा। पहले प्रहर में दूध से शिव के ईशान स्वरूप का, दूसरे प्रहर में दही से अघोर स्वरूप का, तीसरे प्रहर में घी से वामदेव रूप का और चौथे प्रहर में शहद से सदयोजात स्वरूप का अभिषेक कर पूजन करना चाहिए।

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गन्ना के अभिषेक से धन तो दूध के अभिषेक से होती है पुत्र की प्राप्ति

  • गन्ने के रस से अभिषेक करने पर श्रद्धालुओं को धन व दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने से पुत्र की प्राप्ति होती है। शहद से रुद्राभिषेक करने से पापों का नाश व घी से रुद्राभिषेक करने पर वंश की वृद्धि होती है।

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मनचाहे वर की होती है प्राप्ति– महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।



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