Rajasthan
1993 Serial Blast Case: PCC Chief Govind Singh Dotasra targeted after Abdul Tunda acquittal

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राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अजमेर ब्लास्ट मामले में आए कोर्ट के फैसले पर बीजेपी को घेरा है। डोटासरा ने जयपुर मे मीडिया से बात करते हुए कहा-‘जयपुर ब्लास्ट में भाजपा नेताओं ने क्या आरोप लगाए थे’?, अब ये नेता अजमेर मामले पर क्या कहेंगे, क्या पैरवी करने में कमी रखी गयी’ ? पीसीसी चीफ ने कहा कि जयपुर ब्लास्ट मामले में बीजेपी जिन-जिन नेताओं ने बयान दिए थे, उनका अजमेर ब्लास्ट मामले में क्या स्टैंड है? क्या पैरवी करने में कोई कमी रही? डोटासरा ने कहा कि जयपुर ब्लास्ट मामले में हमारी कमी बता दी गई। तुष्टिकरण बता दिया गया। जबकि सजा दिलाने में हमने कोई कमी नहीं रखी थी। डोटासरा ने कहा कि मैं बीजेपी नेताओं से पूछना चाहता हूं कि अब उनका स्टैंड क्या है। क्या वास्तव में पैरवी करने में कमी रखी या फिर वो केवल वोटों की बात करने के लिए, लोगों को भ्रमित करने के लिए बयान दे रहे थे?
उल्लेखनीय है कि 29 मार्च 2023 को जयपुर बम ब्लास्ट केस में फांसी की सजा पाने वाले चारों दोषियों को बरी कर दिया गया था। जयपुर हाइकोर्ट ने चारों दोषियों के डेथ रेफरेंस खारिज कर दिए थे। ट्रायल कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने सभी सबूतों को खारिज करते हुए चारों को बरी करने के मामले पर बीजेपी ने कांग्रेस को निशाने पर लिया था। बीजेपी नेताओं ने अशोक गहलोत सरकार पर केस को कमजोर करने के आरोप लगाए थे। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने अब आतंकी टुंडा के बरी होने पर बीजेपी के नेताओं को घेरा है।
बता दें अजमेर की आतंकी और विघटनकारी गतिविधि अधिनियम (टाडा) अदालत ने 1993 के सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया है। कोर्ट ने 30 साल बाद सुनाए गए फैसले में टुंडा को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। वहीं, दो अन्य आरोपियों इरफान और हमीदुद्दीन को दोषी करार देते हुए अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं, 28 फरवरी, 2004 को टाडा कोर्ट ने ही मामले में 16 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 4 आरोपियों को बरी कर दिया था, जबकि अन्य आरोपियों की सजा बरकरार रखी थी। ये आरोपी फिलहाल जयपुर जेल में बंद हैं।
उल्लेखनीय है कि अब्दुल करीम टुंडा, इरफान और हमीदुद्दीन 6 दिसंबर, 1993 को कानपुर, हैदराबाद, सूरत, लखनऊ और मुंबई की ट्रेनों में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में आरोपी हैं। टुंडा को बम धमाकों की ट्रेनिंग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने दी थी। ट्रेनिंग के बाद वह आतंकी संगठन लश्कर के संपर्क में आया। टुंडा पर 1996 में दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने बम धमाका करने का भी आरोप है। अब्दुल करीम टुंडा, इरफान और हमीदुद्दीन 6 दिसंबर, 1993 को कानपुर, हैदराबाद, सूरत, लखनऊ और मुंबई की ट्रेनों में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में आरोपी हैं। टुंडा को बम धमाकों की ट्रेनिंग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने दी थी।