Uttarakhand
OBC reservation increase Recommendation in civic bodies Uttarakhand report submitted to CM Dhami government

ऐप पर पढ़ें
उत्तराखंड में निकायों में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की सिफारिश, सीएम धामी सरकार को सौंपी रिपोर्ट
उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों से पहले निकायवार ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए गठित जस्टिस बीएस वर्मा आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
आयोग ने मेयर, अध्यक्षों के साथ ही वार्ड सदस्यों तक सभी स्तर पर ओबीसी आबादी के अनुपात में आरक्षण बढ़ाने की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने निकायों में ओबीसी आरक्षण तय करने के हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज बीएस वर्मा की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का गठन किया हुआ है।
आयोग ने शुक्रवार देर शाम मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को रिपोर्ट सौंप दी है। आयोग ने सभी स्तर पर ओबीसी आरक्षण मौजूदा सीमा 14 प्रतिशत से बढ़ाने की सिफारिश की है, रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में ओबीसी मतदाताओं की संख्या 27 प्रतिशत के करीब है।
इसी आधार पर आयोग ने मेयर की नौ में से दो सीट ओबीसी के लिए आरक्षित करने की सिफारिश की है, इसी तरह पालिकाध्यक्ष की 41 में से 12 और नगर पंचायत अध्यक्ष की 45 में से 16 सीटों को ओबीसी आरक्षित किए जाने का प्रस्ताव है।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि आरक्षण की कुल सीमा किसी भी स्थिति में पचास प्रतिशत से अधिक नहीं होगी, इस कारण यदि किसी निकाय में एससी-एसटी की आबादी पचास प्रतिशत से अधिक है तो वहां ओबीसी के लिए कोई आरक्षण नहीं होगा।
इस तरह एससी-एसटी को आरक्षण दिए जाने के बाद बची सीट पर ही ओबीसी का हक बन पाएगा। आयोग ने ओबीसी प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए क्रीमीलेयर के दायरे में आने वालों को भी ओबीसी आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने की अनुमति देने को कहा है।