Connect with us

Blog

सावधान: चीन में कोविड-19 के नए वैरिएंट JN.1 ने दी दस्तक, क्या फिर आएगी कोरोना की लहर ?

Published

on

बीजिंग – चीन में कोविड-19 के नए वैरिएंट JN.1 से संक्रमित सात लोगों का पता लगाया है। देश के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन का कहना है कि फिलहाल देश में इसका खतरा काफी कम है। हालांकि, साथ ही अधिकारियों ने इस बात से भी इनकार नहीं किया है कि आगे यह खतरनाक नहीं हो सकता है।

यूके, आइसलैंड, फ्रांस और अमेरिका में फैलने से पहले JN.1 वैरिएंट की पहचान सबसे पहले लक्जमबर्ग में की गई थी। आइए जानते हैं कि क्या है कोविड-19 का नया वैरिएंट, इससे खतरा आदि।

क्या है कोविड-19 का नया वैरिएंट JN.1?
अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, नया कोविड वैरिएंट BA.2.86 का ही वंशज है। इसे ‘पिरोला’ भी कहा जाता है, जो कि ओमीक्रॉन से आया है। सीडीसी ने लिखा कि अभी संयुक्त राज्य अमेरिका में न तो JN.1 और न ही BA.2.86 आम बात है। वैज्ञानिकों के अनुसार, JN.1 और BA.2.86 के बीच केवल एक ही बदलाव है। वह है स्पाइक प्रोटीन में बदलाव। स्पाइक प्रोटीन जिसे स्पाइक भी कहा जाता है। यह वायरस की सतह पर छोटे स्पाइक्स जैसा दिखाई देता है। इसी वजह से लोगों में वायरस का संक्रमण ज्यादा तेजी से होता है।

JN.1 का पता कब चला?
JN.1 पहली बार इस साल सितंबर में संयुक्त राज्य अमेरिका में पाया गया था। अमेरिका की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी का आठ दिसंबर तक अनुमान था कि वैरिएंट जेएन.1 संयुक्त राज्य अमेरिका में कुल मामलों का 15-29 फीसदी पाया गया है। सीडीसी का अनुमान है कि सार्स-सीओवी-2  के रूप में जेएन.1 तेजी से पैर पसारेगा। बता दें, यह फिलहाल अमेरिका में सबसे तेजी से बढ़ता वैरिएंट हैं।

क्या JN.1 का मामला भारत में है?
केरल में इस नए वैरिएंट की पुष्टि भारतीय सार्स-सीओवी 2 (SARS-CoV-2) जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने की थी। नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) कोविड टास्क फोर्स के वाइस प्रेसिडेंट डॉ राजीव जयदेवन ने बताया था कि ‘जेएन.1 भारत में, विशेष रूप से केरल में हाल ही में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि का एक प्रमुख कारक हो सकता है।’ भारत में पहली बार 13 दिसंबर को इसके बारे में पता चला था।

क्या हैं इसके लक्षण?
सीडीसी के अनुसार, वर्तमान में यह पता नहीं चला है कि कोविड-19 के अन्य वैरिएंट से अलग इसके लक्षण है। फिलहाल लक्षण समान ही माने जा रहे हैं।

  • बुखार
  • लगातार खांसना
  • जल्दी थकान होना
  • नाक बंद या जाम हो जाना
  • नाक का बहना
  • दस्त
  • सिर में दर्द

क्या आपको परेशान होना चाहिए?
हालांकि, जेएन.1 की गंभीरता का अभी पता नहीं चला है। सीडीसी का कहना है कि जेएन.1 के बढ़ते मामलों से पता चलता है कि यह या तो अधिक संक्रामक है या हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में बेहतर है। आगे कहा गया है कि इस समय इसका कोई सबूत नहीं है कि जेएन.1 वर्तमान में अन्य वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक है या नहीं।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement