Uttarakhand
हल्द्वानी में रिंग रोड का विरोध, प्रशासन ने वापस लिए कदम, अब दोबारा होगा सर्वे

उत्तराखंड के हल्द्वानी में प्रस्तावित रिंग रोड के निर्माण के संबंध में प्रशासन ने अपने कदम वापस खींच लिये हैं। हल्द्वानी जिला प्रशासन ने रिंग रोड का दोबारा सर्वे कराने की बात कही है।
उत्तराखंड के हल्द्वानी में प्रस्तावित रिंग रोड के बढ़ते विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन ने शुक्रवार को रिंग रोड के निर्माण के संबंध में अपने कदम वापस ले लिये हैं। हल्द्वानी जिला प्रशासन ने रिंग रोड का दोबारा सर्वे कराने की बात कही है। हल्द्वानी शहर में यातायात का दबाव कम करने के लिए सरकार की ओर से शहर से बाहर 45 मीटर चौड़ाई वाले रिंग रोड के निर्माण का निर्णय लिया गया था।
प्रशासन की ओर से इस रिंग रोड के लिए लोक निर्माण विभाग की टीम ने सर्वे भी किया था। यही नहीं लोगों से आपत्तियां मांगी गई थीं। लोगों की ओर से कुल 181 आपत्तियां दर्ज की गई थीं। इसके साथ ही रिंग रोड का भारी विरोध शुरू हो गया था। विपक्ष ने भी सरकार पर हमले करने शुरू कर दिया था।
बढ़ते विरोध को देखते हुए हल्द्वानी के उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा और पीडल्यूडी के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार आगे आए। उन्होंने शनिवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि चार चरणों में बनाये जाने वाली रिंग रोड का सर्वे दोबारा कराया जाएगा। अब 45 मीटर की जगह 30 मीटर चौड़े रिंग रोड को बनाए जाने पर भी विचार किया जा रहा है।
एसडीएम परितोष वर्मा ने यह भी कहा कि प्रशासन की ओर से पांच अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। दो महीने के भीतर रिंग रोड का दोबारा सर्वे कराया जाएगा और शासन की अंतिम सहमति बनने के बाद ही रिंग रोड का निर्माण कराया जाएगा।
बता दें कि रिंग रोड परियोजना के विरोध में किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति का धरना एक दिन पहले तक 24वें दिन भी जारी रहा। समित ने जनप्रतिनिधियों पर लोगों के विरोध की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। समिति का कहना है कि रिंग रोड के विरोध में किसान, महिलाएं धरने पर हैं, लेकिन जनप्रतिनिधि उल्टे उन पर सियासत करने के आरोप लगा रहे हैं।