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Uttarakhand

हल्द्वानी के गौला पुल एप्रोच रोड एक ओर बनी तो दूसरी ओर धंसी, और अब कैसे होगा सफर?

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हल्द्वानी के गौला पुल एप्रोच रोड एक ओर बनी तो दूसरी ओर धंसी, और अब कैसे होगा सफर?

हल्द्वानी के गौलापुल की एप्रोच रोड में भरान का काम मशीनों के जरिए महज एक सप्ताह में लगभग पूरा हो गया है। वहीं दूसरी तरफ से एप्रोच रोड का हिस्सा धंसने से फिलहाल यह सड़क खुलने के लिए कुछ दिन इंतजार और बढ़ सकता है। 

हालांकि पुल के चार से पांच दिन के भीतर खुल जाने की उम्मीद है, जिसमें वन-वे व्यवस्था से पहले हल्के वाहन को गुजारा जाएगा। गौला पुल की एप्रोच रोड बीती 13 सितंबर को गौला के उफान में आने पर बह गई थी। 

एप्रोच रोड धराशायी होने से गौलापार जाने का यह रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। करीब 12 से 13 दिन तक एप्रोच रोड को बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। हालांकि नदी को चैनेलाइज करने का काम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बारिश रुकने के तीन दिन बाद ही शुरू कर दिया था। 

इसके नौ दिन बाद एनएचएआई ने एप्रोच रोड को बनाने का काम शुरू किया था। गुरुवार को एप्रोच रोड भरान का काम लगभगम पूरा हो गया है। गुरुवार को पुल के लेवल तक भरान हो गया है, जबकि पुल के नीचे मजदूरों की मदद से भरान कराया जा रहा है। 

मगर इस दौरान गुरुवार को पुल की दूसरी तरफ से बने सपोर्ट पिलर में लगे वायरक्रेट भरभराकर गिर गए। जिससे अब पुल का यह नया हिस्सा खोखला हो गया है। इसे भी भरने का काम शुरू किया गया है। विभाग की मानें तो अगले चार से पांच दिन में गौला पुल को हल्के वाहनों के लिए खोला जा सकेगा। जिसमें एक बार में एक ही वाहन पुल से गुजर सकेगा।

रिंग रोड परियोजना के विरोध में दिया ज्ञापन

हल्द्वानी के रिंग रोड परियोजना को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रही किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को सचिवालय में मुख्य सचिव के पीएस अपर सचिव ललित मोहन रयाल के माध्यम से मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया। 

जिसमें कहा कि लोनिवि के अधिकारियों ने किसानों के सारे अधिकारों का हनन किया है। कहा कि 10 दिन में समस्या का समाधान न होने पर मुख्य सचिव का घेराव की चेतावनी दी। प्रतिनिधि मंडल में समिति के उपाध्यक्ष ललित मोहन जोशी, पीयूष जोशी, आनंद सिंह दरमवाल, आयुष रहे।

पांच दिनों के भीतर गौला पुल खोलने की तैयारी है। शुरुआत में पुल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन-वे ट्रैफिक सिस्टम के निर्देश दिए हैं। ट्रायल सफल होने के बाद इसे पूरी तरह से खोल दिया जाएगा।

अजय टम्टा, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री।



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