Uttarakhand

सीमांत गांवो के लोगो को दो घर देने की हुई तैयारी, मुख्य सचिव के निर्देश के बाद केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव।

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देहरादून – उत्तराखंड के चार वाइब्रेंट विलेज के निवासियों को सीजनल माइग्रेशन वाले स्थानों पर भी सरकार घर बनाकर देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक में केंद्र को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए। वहीं, पिछले सप्ताह दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्देश मिले हैं कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत हर गांव की विशेषता को देखते हुए तीन माह के भीतर एक्शन प्लान तैयार किया जाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में प्रदेश के चार सीमांत गांव नीति, माणा, मलारी और गूंजी शामिल हैं। केंद्र के साथ ही राज्य सरकार भी इनके प्रति बेहद संजीदा है। हाल ही में मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी, जिसमें निर्देश दिए गए कि जिन जिलों में सीजनल माइग्रेशन होता है, उनके जिलाधिकारी एक प्रस्ताव तैयार करेंगे।

ऐसे परिवारों को दोनों स्थानों पर प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से आवास दिया जाएगा। इसका प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। इसके बाद केंद्र सरकार इस पर निर्णय लेगी। वहीं ये भी तय हुआ कि जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की जनपद स्तरीय समिति और फिर खंड स्तरीय समिति गठित होगी।

इनर लाइन परमिट के लिए तीन विभागों की बैठक

राज्य में जिन क्षेत्रों में इनर लाइन परमिट की आवश्यकता है, उसके लिए जिलाधिकारी एक प्रस्ताव शासन को भेजेंगे। इसमें ये स्पष्ट होगा कि किस गांव से कहां तक परमिट देने की जरूरत है। इसके बाद ग्राम्य विकास, पर्यटन और गृह विभाग मिलकर बैठक करेंगे। बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय को इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा। कुछ प्रस्ताव पूर्व में गृह मंत्रालय को भेजे जा चुके हैं।

सुरक्षा बल खरीदेंगे फल, सब्जियां, दूध व अंडे
वाइब्रेंट विलेज में रहने वाले लोगों से फल, सब्जियां, दूध, अंडे, मीट आदि सामग्री को सीमा सुरक्षा बल खरीदेंगे। इसके लिए भी एक प्रस्ताव तैयार हो रहा है, जो कि जल्द ही हाई पावर कमेटी को भेजा जाएगा। अगर किसी गांव का सेना या सुरक्षा बलों के साथ कोई समस्या या मुद्दा है तो इसका प्रस्ताव भी शासन को भेजना होगा। हर वाइब्रेंट विलेज में एक ग्रोथ सेंटर भी स्थापित किया जाएगा। आईटीबीपी ने भी सभी वाइब्रेंट विलेज के लिए अपना एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया है।

मिनी बस से जा सकेंगे वाइब्रेंट विलेज
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने निर्देश दिए हैं कि जिन वाइब्रेंट विलेज में सार्वजनिक परिवहन की समस्या है, वहां मिनी बस का संचालन किया जाएगा। इसके लिए संबंधित जिले से प्रस्ताव परिवहन विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा। भूमि अधिकारों से संबंधित समस्याओं का सभी जिले राजस्व विभाग के साथ समन्वय बनाकर तत्काल समाधान करेंगे। वाइब्रेंट विलेज में टेली मेडिसिन की सुविधा भी दी जाएगी।
तीन माह में मंत्रालय को उपलब्ध कराया जाएगा एक्शन प्लान
वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की नोडल अधिकारी नितिका खंडेलवाल ने कहा कि पिछले सप्ताह वाइब्रेंट विलेज की केंद्र स्तर पर हुई बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि हर गांव की विशेषताओं के हिसाब से एक्शन प्लान बनाकर तीन माह में मंत्रालय को उपलब्ध कराया जाए। इस पर काम शुरू कर दिया गया है। पीएम आवास के तहत दो-दो आवास देने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। इस पर केंद्र को ही निर्णय लेना है।

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