Uttarakhand
वन क्षेत्रों में धार्मिक अतिक्रमण के चिन्हीकरण की कार्रवाई जारी, नोडल अधिकारी गढ़वाल में बैठक कर बनाएंगे आगे की रणनीति।
देहरादून – उत्तराखंड में वन क्षेत्रों में हुए धार्मिक अतिक्रमण को चिह्नित करने की कार्रवाई जारी है। नोडल अधिकारी आईएफएस डॉ.पराग मधुकर धकाते कुमाऊं के बाद अब सोमवार से गढ़वाल में सर्किलवार वन प्रभागाें के अधिकारियों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे। साथ ही प्रभागवार प्रतिदिन की रिपोर्ट भी तलब की जाएगी।
इससे पहले नोडल अधिकारी धकाते ने पूरे एक सप्ताह कुमाऊं में डेरा डाले रखा। वहां उन्होंने कुमाऊं सर्किल के प्रभागीय वन अधिकारियों के साथ बैठकें कीं। इन बैठकों में ही मोटे तौर पर यह बात निकलकर सामने आई थी कि प्रदेशभर में वन भूमि पर हुए अतिक्रमणों के 80 प्रतिशत मामले कुमाऊं में हैं। इनमें कुमाऊं सर्किल का पश्चमी वृत्त सबसे अधिक संवेदनशील है। यहां अतिक्रमण के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। हालांकि विभाग की ओर से अभी तक आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से वन क्षेत्रों में हुए धार्मिक अतिक्रमणों को चिह्नित कर उन्हें हटाने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में नोडल अधिकारी डॉ.धकाते ने बताया कि वह कुमाऊं के बाद अब सोमवार से गढ़वाल के सर्किलों की प्रभागवार बैठकें लेंगे, जिनमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह या दस दिन के भीतर प्रदेशभर की रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी।
गढ़वाल में सर्किल वार होंगी बैठकें