रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने चारधाम यात्रा सहित आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। रविवार रात से जारी मूसलाधार बारिश के चलते अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है, जिससे ये नदियां विकराल रूप धारण करती नजर आ रही हैं।
बारिश का सबसे गंभीर असर रुद्रप्रयाग जिले में देखने को मिला है, जहां चारधाम यात्रा मार्गों पर जगह-जगह भूस्खलन और बोल्डर गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। केदारनाथ और बदरीनाथ हाईवे कई स्थानों पर बाधित हो चुके हैं, जिससे हजारों श्रद्धालु और वाहन फंस गए हैं।
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर लैंडस्लाइड, श्रद्धालु सोनप्रयाग में रोके गए
केदारनाथ हाईवे पर मुनकटिया क्षेत्र में देर रात अचानक भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिरने से मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। इस वजह से सोनप्रयाग से आगे की यात्रा को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया, और केदारनाथ धाम जा रहे श्रद्धालुओं को वहीं रोका गया।
एनएच विभाग की मशीनों ने युद्ध स्तर पर राहत कार्य चलाया, जिसके बाद मार्ग को पैदल यात्रियों और शटल वाहनों के लिए आंशिक रूप से खोला गया है। लेकिन अभी भी मुनकटिया में लगातार मलबा और बोल्डर गिरने के कारण यह क्षेत्र डेंजर जोन घोषित किया गया है।
बदरीनाथ हाईवे भी लैंडस्लाइड की चपेट में, सिरोबगड़ में बना संकट
वहीं, बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर सिरोबगड़ में भी भूस्खलन की वजह से राजमार्ग अवरुद्ध हो गया, जिससे दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंसे रहे। प्रशासन और एनएच विभाग की टीमों ने देर रात तक काम कर मार्ग को खोला, लेकिन खतरा अब भी बना हुआ है क्योंकि बरसात का दौर जारी है और ऊपरी पहाड़ियों से पत्थर गिरने की घटनाएं रुक नहीं रही हैं।
सिरोबगड़ क्षेत्र में भूस्खलन की यह समस्या कोई नई नहीं है – पिछले तीन दशकों से यह क्षेत्र चारधाम यात्रा के दौरान लगातार चुनौती बना हुआ है, लेकिन अब तक इसका स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सका है।
नदियां उफान पर, संगम स्थल डूबा, निचले इलाकों में अलर्ट
लगातार हो रही बारिश के चलते अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। रुद्रप्रयाग स्थित अलकनंदा-मंदाकिनी संगम स्थल का निचला हिस्सा पूरी तरह जलमग्न हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों और प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
प्रशासन ने निचले क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने और नदियों के किनारे न जाने की सख्त हिदायत दी है। संभावित खतरे को देखते हुए कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में प्राथमिक सतर्कता के तौर पर बचाव टीमें तैनात कर दी गई हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट, अगले 48 घंटे बेहद भारी
मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक राज्य में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार गढ़वाल मंडल के ऊपरी क्षेत्रों में भूस्खलन, सड़कें बंद होने और नदियों के जलस्तर में और वृद्धि की आशंका है।
अगर बारिश की तीव्रता ऐसे ही बनी रही तो चारधाम यात्रा एक बार फिर अस्थायी रूप से बाधित की जा सकती है। प्रशासन ने यात्रियों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा न करें और मौसम अपडेट पर नजर बनाए रखें।
चारधाम यात्रा पर संकट गहराया, श्रद्धालुओं की जान जोखिम में
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग भी इस समय पूरी तरह खतरनाक हो गया है। जगह-जगह मलबा और पत्थर गिरने से पैदल यात्रा जानलेवा बनी हुई है। श्रद्धालुओं को पहाड़ी रास्तों पर भारी जोखिम उठाकर यात्रा करनी पड़ रही है, जो कि बेहद चिंता का विषय है।
केदारनाथ और बदरीनाथ मार्गों पर रातभर रेस्क्यू और क्लियरेंस ऑपरेशन चलता रहा, लेकिन बरसात की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है।
पहाड़ों में अलर्ट, यात्रा टालने की अपील
रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में फिलहाल हालात बेहद संवेदनशील बने हुए हैं। प्रशासन, एनएच और आपदा प्रबंधन टीमें पूरी मुस्तैदी से लगी हुई हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदा के आगे चुनौतियां बड़ी हैं।
जनता से अपील है कि वर्तमान मौसम को देखते हुए चारधाम यात्रा फिलहाल न करें, और यदि कहीं फंसे हैं तो स्थानीय प्रशासन से समन्वय बनाए रखें।