Connect with us

Uttarakhand

यूसीसी के ड्राफ्ट में है ये प्रविधान, बहुविवाह, निकाह हलाला और इद्दत पर रोक!

Published

on

देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के यूसीसी का ड्राफ्ट जारी कर दिया है, जिसमें यह प्रावधान होंगे…

आपको बता दें उत्तराखंड के नए यूसीसी प्रावधान के तहत

  • सभी तरह के तलाक ख़त्म कर दिए गए है, केवल ज्यूडीशियल तलाक ही मान्य होगा। तीन तलाक से लेकर तकाल-ए-अहसन और तलाक-ए-हसन पर भी रोक लगेगी।
  • लिव इन रिलेशनशिप को डिक्लेयर न करने पर सजा का प्रावधान रखा गया है। लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए लिए डिक्लरेशन वैधानिक की जरुरत होगी, माँ बाप को सूचना दी जाएगी।

बहुविवाह, निकाह हलाला और इद्दत पर रोक।

लड़कियों की शादी की आयु बढ़ाई जाएगी ताकि वे विवाह से पहले ग्रेजुएट हो सकें।

शादी का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नही मिलेगा। ग्राम स्तर पर भी शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी। पति-पत्नी दोनो को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्री के लिए भी लागू होगा। फिलहाल पर्सनल लॉ के तहत पति और पत्नी के पास तलाक के अलग अलग ग्राउंड हैं।

पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी

  • उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा मिलेगा। अभी तक पर्सनल लॉ के मुताबिक लड़के का शेयर लड़की से अधिक।
  • नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्री को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी। अगर पत्नी पुर्नविवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंशेसन में माता पिता का भी हिस्सा होगा।
  • मेंटेनेंस– अगर पत्नी की मौत हो जाती है और उसके माता पिता का कोई सहारा न हो, तो उनके भरण पोषण की जिम्मेदारी पति की।

एडॉप्शन का अधिकार

  • मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेगा गोद लेने का अधिकार। गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।
  • गार्जियनशिप: बच्चे के अनाथ होने की सूरत में गार्जियनशिप की प्रक्रिया को आसान किया जाएगा।
  • पति-पत्नी के झगड़े की सूरत में बच्चों की कस्टडी उनके ग्रैंड पैरेंट्स को दी जा सकती है।

देश के यूनिफॉर्म सिविल कोड का टेंपलेट बनेगा उत्तराखंड का यूनिफॉर्म सिविल कोड।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement