Connect with us

Uttarakhand

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ मेला-2025 की तैयारियों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की समीक्षा

Published

on

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ मेला-2025 की तैयारियों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की समीक्षा


देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को आगामी कांवड़ मेला-2025 की तैयारियों की समीक्षा हेतु प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महत्वपूर्ण बैठक की। मुख्यमंत्री ने पिछले वर्षों की व्यवस्थाओं का विस्तृत विश्लेषण कर कानून-व्यवस्था की दृष्टि से उत्पन्न हुई चुनौतियों की समीक्षा की और सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए, ताकि इस वर्ष कोई भी अवांछनीय घटना न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विशाल धार्मिक आयोजन में किसी भी प्रकार की तोड़-फोड़, उपद्रव या अन्य असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए प्रभावी भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन एवं सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने शिविर संचालकों, कार्यरत कर्मियों, वॉलंटियर्स और धर्मशाला/होटल में ठहरने वाले श्रद्धालुओं का पूर्ण सत्यापन कराने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री ने सभी प्रमुख स्थलों पर एक्स-रे सिस्टम, अग्निशमन उपकरण, फायर टेंडर और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के साथ-साथ खाद्य व पेय पदार्थों की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखने तथा जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए उचित इंतजाम करने को कहा। भीड़ प्रबंधन के लिए वॉलंटियर्स की मदद लेने, सीसीटीवी और ड्रोन से निरंतर निगरानी तथा अभिसूचना तंत्र को सक्रिय रखने पर विशेष जोर दिया गया।

यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अलग प्लान तैयार कर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। आतंकवाद से जुड़े खतरे को देखते हुए एटीएस और विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती भी सुनिश्चित करने को कहा गया।

हरिद्वार के घाटों, नीलकंठ महादेव मंदिर समेत अन्य प्रमुख स्थलों पर एम्बुलेंस और बैकअप की व्यवस्था करने के साथ-साथ सादे वस्त्रों में महिला व पुरुष सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त तैनाती करने तथा आपदा राहत उपकरणों से युक्त गोताखोरों और जल पुलिस को अलर्ट मोड पर रखने के निर्देश दिए गए। यात्रा मार्गों पर तेज ध्वनि विस्तारक यंत्रों, डीजे और लाउडस्पीकर के उपयोग को नियमबद्ध करने और दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर सुधारात्मक कार्य करने को भी कहा गया।

कांवड़ यात्रियों को ‘क्या करें और क्या न करें’ की जानकारी पेम्फलेट, होर्डिंग, पब्लिक अनाउंसमेंट और सोशल मीडिया के माध्यम से देने के निर्देश भी दिए गए। लाठी, डंडा, नुकीली वस्तुएं आदि ले जाने पर प्रतिबंध लगाने हेतु प्रचार अभियान चलाने और यात्रा मार्गों में मादक पदार्थों, शराब एवं मांस की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश जारी किए गए।

महिला कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए महिला घाटों एवं धर्मशालाओं में विशेष पुलिस प्रबंध करने पर भी जोर दिया गया। साथ ही अंतर्राज्यीय समन्वय बढ़ाकर सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान, सोशल मीडिया पर निगरानी, अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तथा संबंधित पोस्टों का तत्काल खंडन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय सचिवों और पुलिस महानिरीक्षकों को आगामी तीन दिनों के भीतर कांवड़ मेला क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा करने और कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने के निर्देश भी दिए।

बैठक में गृह सचिव श्री शैलेश बगोली, पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ, आपदा प्रबंधन सचिव श्री विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल व कुमाऊं आयुक्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।



Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement