Uttarakhand
नकदी फसलें बर्बाद, किसानों की आजीविका पर संकट |

उत्तरकाशी : जनपद उत्तरकाशी में मंगलवार को हुई तेज बारिश और भीषण ओलावृष्टि ने गंगा और यमुना घाटी के किसानों की नकदी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। यमुना और वरुणा घाटियों के कई गांवों में आलू, टमाटर, मटर सहित कई फसलें पूरी तरह तबाह हो गई हैं…जिससे अब किसानों की आजीविका पर बड़ा संकट मंडराने लगा है।
यमुना घाटी के बड़कोट, पाली, बढ़ाता, पुजार गांव, कुथनौर, हलना, नकोड़ा, कपोला, खनेड़ा, स्यालना, भनसाड़ी, नंदगांव, गीठ पट्टी और धारामंडल क्षेत्र (कुर्सिल, स्यालव, सुकन गोल आदि) में हुई भीषण ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद कर दीं। इन इलाकों में गेंहू, मटर, टमाटर, आलू जैसी नकदी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गईं हैं।
गंगा घाटी के गुंडा, गाजणा और वरुणा घाटी में भी तेज बारिश और ओले गिरने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। खेतों में लगे आलू, मटर और टमाटर की फसलें भारी बारिश और ओलावृष्टि के चलते चौपट हो गईं। किसान अब भारी आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहे हैं।
प्रभावित ग्रामीणों और किसानों ने सरकार से त्वरित सर्वेक्षण और उचित मुआवजा देने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द मुआवजा नहीं मिला तो आर्थिक तंगी और कर्ज के बोझ से उबरना मुश्किल हो जाएगा।
ग्रामीणों ने कहा है कि हमारे खेतों की सारी मेहनत मिट्टी में मिल गई है। सरकार से निवेदन है कि तुरंत नुकसान का आकलन कर उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि हम फिर से खेती कर सकें।