Uttarakhand
धोखे से मतांतरण पर रोक, उत्तराखंड सरकार का सख्त ऐलान!

देहरादून: देशभर में सामने आ रही जबरन मतांतरण की घटनाओं के बीच उत्तराखंड सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में सभी धर्मों के लोग शांतिपूर्वक, आपसी सौहार्द और सम्मान के साथ रहते हैं। लेकिन, कुछ तत्वों द्वारा लालच या भय दिखाकर जबरन धर्मांतरण कराने के प्रयास किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों पर उत्तराखंड धर्म-स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। जबरन धर्मांतरण को प्रदेश में गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि मतांतरण केवल स्वेच्छा से और बिना किसी धोखे या प्रलोभन के ही स्वीकार्य है।
मिशन कालनेमि के तहत कार्रवाई
प्रदेश में फर्जी पहचान और अपराधों को छिपाकर लोगों को गुमराह करने वालों के विरुद्ध “मिशन कालनेमि” अभियान चलाया जा रहा है। अब तक 2448 संदिग्धों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से 140 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों में फर्जी पहचान पत्र रखने वाले, साइबर अपराधी, धर्म छिपाकर विवाह करने वाले और सरकारी भेष में आम जनता को धोखा देने वाले शामिल हैं।
सरकार व्यापक स्तर पर सत्यापन अभियान और जनजागरूकता कार्यक्रम भी चला रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल सजा देना नहीं, बल्कि धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर हो रहे दुरुपयोग को रोकना और समाज में चेतना जगाना है।
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