देहरादून — दीपावली के अवसर पर बढ़ते वायु और ध्वनि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) इस बार भी राज्य के आठ प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता और ध्वनि स्तर की निगरानी करेगा। यह निगरानी अभियान 13 अक्टूबर से शुरू होकर दीपावली के बाद तक चलेगा।
कहां-कहां होगी निगरानी?
PCB द्वारा जिन शहरों में विशेष निगरानी की जाएगी, उनमें शामिल हैं:
-
देहरादून
-
ऋषिकेश
-
टिहरी
-
हरिद्वार
-
काशीपुर
-
रुद्रपुर
-
हल्द्वानी
-
नैनीताल
इन शहरों को वायु और ध्वनि प्रदूषण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र मानते हुए बोर्ड ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं।
निगरानी के विशेष स्थल
विभिन्न शहरों में स्थानीय स्तर पर चयनित प्रमुख स्थलों पर जांच की जाएगी:
-
देहरादून: घंटाघर और नेहरू कॉलोनी
-
ऋषिकेश: नगर निगम परिसर
-
टिहरी: डीएम कार्यालय व नगर पालिका परिषद परिसर
अन्य शहरों में भी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर जांच की योजना बनाई गई है।
कितनी अवधि तक होगी जांच?
PCB हर साल दीपावली के दौरान करीब 15 दिनों तक वायु और ध्वनि की गुणवत्ता की निगरानी करता है। इस अवधि में आतिशबाजी, वाहनों की आवाजाही और अन्य स्रोतों से होने वाले प्रदूषण के स्तर की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार की जाती है, जो नीति निर्धारण और नियंत्रण उपायों में सहायक होती है।
ध्वनि प्रदूषण भी रहेगा फोकस में
इस बार वायु गुणवत्ता के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण पर भी खास नजर रखी जाएगी। पटाखों और तेज आवाज वाले संगीत से उत्पन्न होने वाले ध्वनि स्तर की भी मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि ध्वनि सीमा का उल्लंघन न हो।
उद्देश्य और महत्व
बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, यह कवायद लोगों में पर्यावरण जागरूकता फैलाने और स्वच्छ त्योहार मनाने को लेकर प्रेरित करने के लिए की जाती है। इससे यह भी पता चलता है कि दीपावली के दौरान प्रदूषण स्तर में कितनी बढ़ोतरी होती है और भविष्य में इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।
निवेदन
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जनता से कम से कम पटाखे फोड़ने, पर्यावरण के अनुकूल दीवाली मनाने और शोरगुल से परहेज करने की अपील की है, ताकि त्योहार उल्लास के साथ-साथ स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित रहे।