अल्मोड़ा: उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हाल ही में अल्मोड़ा जनपद में डिजिटल अरेस्ट के जरिए 75 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया, जिसमें आरोपी को पुलिस ने गुजरात के मोरबी, राजकोट से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने दो बुजुर्ग भाई-बहन को 16 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर ठगी को अंजाम दिया।
कैसे हुई ठगी
23 मार्च को पूर्ण चंद्र जोशी और उनकी बहन भगवती पांडे को एक अज्ञात व्यक्ति ने वीडियो कॉल कर खुद को पुलिस अधिकारी बताया। ठग ने दोनों को बताया कि उनकी आईडी बच्चों के अपहरण गैंग से जुड़ी है और उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। भयभीत भाई-बहन को जांच पूरी होने तक किसी से बात न करने की चेतावनी दी गई और उनके बैंक खातों की जांच के नाम पर विभिन्न खातों में कुल ₹75.73 लाख ट्रांसफर करवा लिए गए।
शिकायत और पुलिस कार्रवाई
15 अप्रैल को पीड़ितों ने अल्मोड़ा कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। एसएसपी देवेंद्र पींचा के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई। बैंक खातों और कॉल डिटेल्स के विश्लेषण के बाद सर्विलांस की मदद से आरोपी जुनेजा दिलावर को 9 मई को गुजरात के मोरबी से गिरफ्तार कर लिया गया।
दूसरा मामला भी आया सामने
एक अन्य मामले में लमगड़ा क्षेत्र के जीवन सिंह मेहता को सीबीआई अधिकारी बनकर ठगों ने वीडियो कॉल के जरिए डिजिटल अरेस्ट में रखा और ₹7.20 लाख की ठगी की। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को मध्यप्रदेश के खरगौन और एक आरोपी को गुजरात के जामनगर से गिरफ्तार किया है।
एसएसपी देवेंद्र पींचा ने जनता से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति वीडियो कॉल कर खुद को अधिकारी बताकर पैसे मांगता है तो तत्काल पुलिस को सूचित करें। ऐसे कॉल फर्जी हो सकते हैं और इनसे सावधानी बरतना जरूरी है।