Uttarakhand
गंगोत्री में व्यवस्थाओं और बाढ़ सुरक्षा कार्यों का जायजा

गंगोत्री: उत्तरकाशी जिले के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने गंगोत्री धाम पहुंचकर चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं और बाढ़ सुरक्षा से जुड़े दीर्घकालिक निर्माण कार्यों का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने तीर्थयात्रियों की सुविधाओं और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए।
तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने शनिवार को गंगोत्री धाम में चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं एवं बाढ़ सुरक्षा हेतु दीर्घकालिक निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया। जिलाधिकारी ने कहा कि गंगोत्री धाम में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। ऐसे में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने स्नान घाटों, यात्रा मार्ग, आवागमन व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन, स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवाओं और आपदा प्रबंधन से जुड़ी तैयारियों का बारीकी से निरीक्षण किया तथा सम्बन्धित अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
बाढ़ सुरक्षा कार्यों की समीक्षा
गंगोत्री धाम में चल रहे दीर्घकालिक बाढ़ सुरक्षा कार्यों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी कार्यों को गुणवत्तापूर्ण, मानक के अनुरूप और तय समयसीमा के भीतर पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि धाम क्षेत्र में नदी के कटाव और बाढ़ की संभावना को देखते हुए सुरक्षा कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करना सुनिश्चित करें। जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर कड़े निर्देश
जिलाधिकारी ने यात्रा व्यवस्थाओं के दौरान साफ-सफाई व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने, पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने, आपातकालीन सेवाओं को क्रियाशील रखने तथा अन्य यात्रा व्यवस्थाओं को दृढ़ता और दक्षता के साथ संचालित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि यात्रा अवधि में निरन्तर निगरानी और निरीक्षण के माध्यम से अधिकारीगण अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरतापूर्वक निर्वहन करें। जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों से प्रत्यक्ष संवाद कर कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और समयबद्ध सुधारात्मक प्रयासों पर बल दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य यात्रा को सुरक्षित, सुगम एवं श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाना है। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को समर्पण भाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के निर्देश दिए। इससे पूर्व जिलाधिकारी ने गंगोत्री मंदिर में पूजा अर्चना की और गंगा मैया का आशीर्वाद लिया और जिलाधिकारी ने चारधाम यात्रा प्रबंधन को लेकर मंदिर समिति के साथ की बैठक।
मंदिर समिति की मांगों पर चर्चा
जिलाधिकारी ने मंदिर समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चारधाम यात्रा के संचालन से जुड़े विभिन्न विषयों एवं समिति की मांगों पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में मंदिर समिति द्वारा प्रस्तावित मुखबा-जांगला सड़क मार्ग में सीए लैंड से संबंधित मुद्दों के शीघ्र समाधान की मांग रखी गई। साथ ही गंगोत्री धाम में छूटे हुए परिवारों को सीवरेज लाइन से जोड़ने तथा गंगोत्री धाम में भूमि बंदोबस्त सर्वे कार्य कराए जाने की मांग की। जिलाधिकारी ने समिति को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं एवं मांगों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि यात्रा व्यवस्थाओं को और अधिक सुव्यवस्थित एवं श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाया जा सके। उसके उपरांत जिलाधिकारी ने प्रस्तावित मुखबा-जांगला सड़क मार्ग का स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया तथा ग्रामीणों के साथ मुखबा गांव में बैठक कर उनकी समस्याएं सुनीं।
श्रद्धालुओं को दी सलाह
जिलाधिकारी ने चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं से आत्मीय संवाद कर उनका हार्दिक स्वागत किया। जिलाधिकारी ने तीर्थ यात्रियों से यात्रा अनुभव व व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त की तथा उन्हें सुरक्षित, सुगम एवं सुखद यात्रा की शुभकामनाएं दी। जिलाधिकारी ने तीर्थ यात्रियों को विशेष रूप से सलाह देते हुए कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान गर्म कपड़े साथ में रखें और मानसून को ध्यान में रखते हुए रेनकोट आदि की भी व्यवस्था रखें। बुजुर्ग एवं दिव्यांग यात्रियों को स्वास्थ्य परीक्षण कराने तथा चिकित्सक की सलाह के बाद ही यात्रा प्रारंभ करने का सुझाव दिया। इस दौरान श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा व्यवस्थाओं एवं प्रबंधन की जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की।
प्रशासनिक अधिकारी रहे मौजूद
इस दौरान सचिव मंदिर समिति सुरेश सेमवाल, सतीश सेमवाल, सत्येंद्र सेमवाल, राजेश सेमवाल, निखिलेश सेमवाल, राधारमन सेमवाल, प्रेमबल्ब सेमवाल, जितेंद्र प्रसाद सेमवाल, ईई सिंचाई सचिन सिंघल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दूल गुसाईं, सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह रावत सहित अन्य अधिकारी एवं मंदिर समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे।