Uttarakhand
गंगा 45 दिन में तीसरी बार चेतावनी निशान के पार, भारी बारिश के बाद घाटों पर अलर्ट
पहाड़ से लेकर मैदानी इलाकों में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण शनिवार को ऋषिकेश में गंगा चेतावनी निशान 339.50 मीटर को पार कर 339.78 मीटर पर बहीं जबकि खतरे का निशान 340.50 मीटर है।
केंद्रीय जल आयोग कार्यालय के मुताबिक शनिवार शाम चार बजे के बाद गंगा का जलस्तर घटने लगा। गंगा चेतावनी निशान से 16 सेंटीमीटर से नीचे आ गईं। हालांकि गंगा में उफान के कारण स्नानघाट जलमग्न हो गए।
इस मानसून सीजन में महज डेढ़ महीने के भीतर ही तीसरी दफा गंगा चेतावनी निशान को पार कीं। एसडीएम कु्मकुम जोशी ने बताया कि एहतियात के तौर पर प्रशासन की ओर से जहां गंगा में श्रद्धालुओं को स्नान करने से रोक दिया गया है।
वहीं तटवर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है। घाटों पर जल पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की गई है। शनिवार की सुबह करीब सात बजे गंगा चेतावनी निशान 339.50 मीटर को पार कर 32 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गईं।
गंगा का जलस्तर चेतावनी पार करने के बाद प्रशासन हरकत में आया। जल पुलिस के माध्यम से गंगा घाटों पर मुनादी कराकर श्रद्धालुओं को तेज उफान का हवाला देकर गंगा से दूर रहने की चेतावनी जारी की।
दोपहर तक गंगा में उफान से तटीय इलाकों में बसे लोगों को भी बाढ़ का डर सताता रहा। हालांकि, इसके बाद फिर से गंगा चेतावनी निशान से 16 सेंटीमीटर नीचे चली गईं। गंगा का जलस्तर अधिक होने पर भोर में गंगा स्नान और पूजा के लिए पहुंचे देश-दुनिया श्रद्धालुओं को परेशानी पेश आई। स्था
नीय लोगों को भी पूजन में दिक्कतें झेलनी पड़ी। इसीबीच जल पुलिस के जवान त्रिवेणीघाट, नाव घाट समेत आसपास के गंगाघाटों व तटों से लोगों को दूर रहने के लिए अलाउंसमेंट कर चेतावनी जारी करते भी दिखे। केंद्रीय जल आयोग अवर अभियंता विभांशु त्रिपाठी ने बताया कि गंगा के जलस्तर की पलपल की अपडेट प्रशासन को दी जा रही है।
गंगा आरती में भी परेशानी
गंगा के उफान से प्रतिदिन त्रिवेणीघाट पर होने वाली गंगा आरती में मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। घाट को लबालब कर बही गंगा की वजह से श्रद्धालुओं की सुरक्षा को मुख्य पैड़ी को छोड़ घाट के नजदीक ही आरती कराई जा रही है, जिससे भीड़भाड़ होने पर श्रद्धालुओं के साथ ही श्रीगंगा सभा को दिक्कतें पेश आ रही हैं।
गंगा में अत्याधिक पानी होने पर 11 पंड़ितों और छह संस्कृत छात्रों की संख्या को भी घटाया जा रहा है। इनमें सिर्फ पंड़ितों के माध्यम से आरती संपन्न कराई जा रही है। जबकि, 17 टेबल की संख्या को भी 11 किया जा रहा है। सभा के महामंत्री राहुल शर्मा ने बताया कि जलस्तर बढ़ने गंगा आरती में परेशानी हो रही है।
सहायक नदियां में भी बढ़ा पानी
गंगा की सहायक नदी चंद्रभागा में भी पहाड़ों में बारिश से लगातार पानी आ रहा है। बरसाती नदी में पानी बढ़ने से दोनों किनारों पर बसी ऋषिकेश व मुनिकीरेती की आबादी के लोग सहमे हुए हैं। नदी का तल चुगान नहीं होने की वजह से आबादी के बरबरा तक पहुंचने के चलते लोगों को बाढ़ की आशंका है।
हालांकि, अभीतक इस तरह के हालात नहीं दिखे हैं, लेकिन अत्याधिक बारिश से चंद्रभागा में पानी सैलाब आता है, तो स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सौंग और सुसवा में भी बरसाती पानी से छिद्दरवाला, साहबनगर, ठाकुरपुर, खदरी खड़कमाफ, प्रतीतनगर और गौहरीमाफी के ग्रामीण भी परेशान हैं।
ऋषिकेश के इन इलाकों को खतरा
गंगा में बाढ़ आने पर मायाकुंड, चंद्रभागा और चंद्रेश्वर को खतरा है। चंद्रभागा की बाढ़ से ढालवालाकी आबादी और ऋषिकेश में यात्रा बस अड्डे व आसपास संकट खड़ा हो सकता है। सौंग और सुसवा की बाढ़ से छिद्दरवाला, साहबनगर, ठाकुरपुर, खदरी खड़कमाफ, प्रतीतनगर और गौहरीमाफी में जानमाल की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
गंगा और सहायक नदियों के जलस्तर की निगरानी की जा रही है। राहत-बचाव से संबंधित महकमों के अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। खासकर जल पुलिस और एसडीआरएफ का सतर्क रहने के लिए कहा है। नगर निगम के माध्यम से गंगा का जलस्तर अधिक होने पर तटीय इलाकों में सुरक्षा को मुनादी भी कराई जा रही है।