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उत्तराखंड में ‘साइबर अटैक’ से एक्सपर्ट्स के छूटे पसीने, तीसरे दिन भी लटके ऑनलाइन सरकारी काम

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उत्तराखंड में ‘साइबर अटैक’ से एक्सपर्ट्स के छूटे पसीने, तीसरे दिन भी लटके ऑनलाइन सरकारी काम

उत्तराखंड में आई सिस्टम के मालवेयर इंफेक्शन की चपेट में आने के बाद आईटी की पांच विशेषज्ञों की टीमें सिस्टम को ठीक नहीं कर पाईं। उत्तराखंड के कई जिलों में तीसरे दिन भी ऑनलाइन सरकारी कामकाज पूरी तरह से ठप रहा था।

उत्तराखंड का आईटी सिस्टम खतरनाक वायरस मालवेयर की चपेट में आने के बाद से सरकारी ऑनलाइन सेवाएं लगभग ठप हैं। कुछ बेवसाइट चल रही हैं, लेकिन वह भी ठीक से काम नहीं कर पा रही हैं। ऐसे में ऑनलाइन सेवाओं से जुड़े लोगों के काम तीसरे दिन भी नहीं हो पाए।

उत्तराखंड में आई सिस्टम के मालवेयर इंफेक्शन की चपेट में आने के बाद आईटी की पांच विशेषज्ञों की टीमें सिस्टम को ठीक नहीं कर पाईं। इसके लिए शासन के निर्देश पर शुक्रवार को दिल्ली से आनन-फानन में इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट-इन) के विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई, जो दिनभर सिस्टम को ठीक करने के लिए जूझती रही। 

इसके साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए), आई-सीसीसीसी, एनआईसी और एटीएफ की टीमें भी लगी रहीं। देर रात हुए इस अटैक के बाद से आईटी विशेषज्ञ इसे ठीक करने के काम में जुटे हुए थे। 

मामले की जानकारी होते ही सचिव आईटी नितेश झा और आईटीडीए निदेशक नितिका खंडेलवाल भी अपनी टीम के साथ तत्काल सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) पहुंचे। दोनों ही अधिकारी विशेषज्ञों के साथ दिनभर मोर्चा संभाले रहे। 

इस बीच सचिवालय के साथ ही तमाम दफ्तरों में आईटीडीए के डेटा सेंटर में साइबर अटैक की खबरों की अटकलें भी खूब लगाई गईं। हालांकि सचिव आईटी से स्पष्ट किया कि यह कोई साइबर अटैक नहीं है, बल्कि मालवेयर इंफेक्शन है।

इनफेक्टेड डेटा का बैकअप लिया जा रहा सचिव

वायरस के अटैक के बाद सर्वर में जिस डेटा को नुकसान पहुंचा, उसका बैकअप लिया जा रहा है। सचिव आईटी नितेश झा ने बताया कि प्रत्येक एप्लीकेशन की अलग-अलग टूल के माध्यम से स्कैनिंग की जा रही है। इसमें समय लगता है। किसी डेटा को यदि नुकसान पहुंचा है तो उसका बैकअप लिया जा रहा है। देहरादून में रजिस्ट्री करने में गुरुवार को हुई दिक्कत शुक्रवार को दूर हो गई।

सचिवालय में पहले भी आ चुकी दिक्कत

उत्तराखंड सचिवालय में पहले ही इस तरह की दिक्कतें आती रही हैं, जब सिस्टम एक से दो घंटे के लिए ठप हो जाता है। इस संबंध में आईटी विशेषज्ञ काम कर ही रहे थे कि उससे पहले पूरा सिस्टम ही ठप हो गया। इससे कामकाज प्रभावित रहा।

कहां से आया वायरस

स्कैनिंग के बाद सिस्टम को पूरी तरह से चालू करने के बाद वायरस के सोर्स का पता भी लगाया जाएगा। सचिव आईटी ने बताया कि यह कहीं से भी आ सकता है, ऑनलाइन भी एक माध्यम है। हजारों कर्मचारी सिस्टम पर काम करते हैं, किसीकी पैन ड्राइव से भी यह सिस्टम में प्रवेश कर सकता है।



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