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Uttarakhand

‘आचमन’ के साथ श्रद्धालु लगा सकेंगे आस्था की डुबकी, गंगाबंदी के बीच हरकी पैड़ी पहुंचा गंगाजल

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‘आचमन’ के साथ श्रद्धालु लगा सकेंगे आस्था की डुबकी, गंगाबंदी के बीच हरकी पैड़ी पहुंचा गंगाजल

यूपी, दिल्ली समेत अन्य राज्यों से उत्तराखंड के हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। गंगाबंदी के बीच अब हरकी पैड़ी समेत गंगाघाटों में पर्याप्त मात्रा में गंगाजल उपलब्ध हो सकेगा।

गंगनहर बंदी के दौरान हरकी पैड़ी पर केवल सुबह और शाम एक-एक घंटे जल रहेगा। गंगा आरती समाप्त होने के बाद हरकी पैड़ी के गंगा घाट दोबार से सूख जाएंगे। सुबह और शाम को आरती से पहले जल को छोड़ा जाएगा।

सोमवार दोपहर बाद शाम की आरती के लिए करीब एक फुट जल हरकी पैड़ी पर पहुंच गया। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की ओर से दशहरा की रात को गंगनहर को सफाई और मरम्मत के लिए भीमगोड़ा बैराज से बंद किया गया है।

हरकी पैड़ी पर आने वाली गंगा को भागीरथी बिन्दु पर अस्थाई बांध बनाकर रोका गया है। रविवार को हरकी पैड़ी सहित सभी गंगा घाटों पर जल नहीं था। श्रीगंगा सभा की आपत्ति के बाद सोमवार को तय अनुबंध के मुताबिक सिंचाई विभाग की ओर से जल छोड़ा गया है।

जल छोड़े जाने के बाद हरकी पैड़ी पर करीब एक फुट जल है। गंगा आरती के बाद यह जल फिर से सूख जाएगा। डामकोठी से आगे ज्वालापुर तक गंगनहर पर बने घाट जलविहीन हैं। यूपी सिंचाई विभाग के ईई विकास त्यागी का कहना है कि गंगनहर बंद कर कई कार्य किए जा रहे हैं।

निर्णय लिया गया है कि सुबह और शाम को हरकी पैड़ी पर होने वाली गंगा आरती के दौरन ही जल छोड़ा जाएगा। आरती समाप्त होने के बाद गंगनहर को दोबारा से सूखा दिया जाएगा। सोमवार दोपहर को जल छोड़ना शुरू किया गया था, जो शाम तक हरकी पैड़ी पहुंच गया। इसके बाद दोबारा से बांध लगाए जाएंगे। दीपावाली तक यही व्यवस्था रहेगी।

शरद पूर्णिमा स्नान के लिए चल रही बात

बुधवार को शरद पूर्णिमा है, जिसका हरिद्वार में स्नान होता है। हालांकि, शरद पूर्णिमा पर गंगा में कम ही जल रहता है, पिछले साल डेढ़ फुट पानी पूरे दिन बना रहा था, लेकिन इस बार दोपहर में जल नहीं होने पर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालु निराश हो सकते हैं। स्थानीय प्रशासन और श्रीगंगा सभा स्नान को लेकर सिंचाई विभाग से वार्ता कर रहा है, जिससे शरद पूर्णिमा पर पूरे दिन जल हरकी पैड़ी पर रहे।



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