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With or without Congress in Punjab AAP held high level meeting at Kejriwal residence on seat sharing in 2024 lok sabha elections

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लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटी आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर मंथन को लेकर आज दिल्ली में अहम बैठक चल रही है। सिविल लाइंस स्थित ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर चल रही बैठक में पंजाब की सीटों पर चुनाव की तैयारियों के साथ उम्मीदवारों को लेकर भी चर्चा हो सकती है।

बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, पंजाब प्रदेश के पदाधिकारी, राघव चड्ढा समेत अन्य नेता मौजूद हैं। सूत्रों की मानें तो बैठक में पंजाब में कांग्रेस के साथ गठबंधन हो या नहीं इसे लेकर भी चर्चा होगी।

दरअसल, आम आदमी पार्टी ने गैर भाजपाई राजनीतिक दलों के इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। ‘आप’ इस बार इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है। ‘आप’ के कांग्रेस संग गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, गोवा और पंजाब में मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना है। इसे लेकर दो दौर से अधिक की बैठकें भी हो चुकी हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी के पंजाब के नेता लगातार कह रहे हैं कि वह पंजाब में अकेले चुनाव लड़ेंगे। ‘आप’ के शीर्ष नेतृत्व तक पंजाब के नेताओं ने अपनी यह बात पहुंचा दी है।

सूत्रों की मानें तो बैठक में इसे लेकर भी चर्चा होगी कि पंजाब में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया जाए या नहीं। हालांकि पार्टी वहां चंडीगढ़ मेयर चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ रही है। बैठक में पार्टी के गठबंधन के अलावा पार्टी की लोकसभा चुनाव की तैयारी के साथ, सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर भी चर्चा होगी। वर्तमान में पंजाब में ‘आप’ के सिर्फ एक लोकसभा सीट है, जो उसने उपचुनाव के दौरान जीती थी। 

‘आप’ ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ का विरोध किया

बता दें कि, आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विरोध किया है। पार्टी के मुताबिक, ऐसा करने से संसदीय लोकतंत्र के विचार, संविधान की बुनियादी संरचना और देश की संघीय राजनीति को नुकसान पहुंचेगा। पार्टी का मानना है कि  ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ त्रिशंकु विधानसभा/लोकसभा से निपटने में असमर्थ है, दल-बदल विरोधी और विधायकों/सांसदों की खुली खरीद-फरोख्त की बुराई को सक्रिय रूप से बढ़ावा देगा।

पार्टी के अनुसार, एक साथ चुनाव कराने से जो लागत बचाने की कोशिश की जा रही है, वह भारत सरकार के वार्षिक बजट का मात्र 0.1% है, संकीर्ण वित्तीय लाभ और प्रशासनिक सुविधा के लिए संविधान और लोकतंत्र के सिद्धांतों का बलिदान नहीं दिया जा सकता।

आम आदमी पार्टी ने इस बारे में अपना पक्ष लिखित रूप से ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के लिए बनाई गई हाई लेवल कमेटी को भेजकर इस पूरी योजना का विरोध जताया है। 

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