Uttarakhand
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अलकनंदा की लहरों की तरह गढ़वाल के चुनावी रण में खूब हलचल है। स्टार प्रचारकों की धुआंधार रैलियों की धमक राज्य की इसी सीट पर सर्वाधिक सुनाई दी। दलबदल की चौंकाने वाली उथल-पुथल यहां प्रचार के बीच नजर आई। भाजपा के कद्दावर नेता अनिल बलूनी के चलते यह सीट सुर्खियों में है। उनके सामने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल हैं। भाजपा का प्रचार अभियान विकास योजनाओं की गिनती और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इर्द-गिर्द रहा। वहीं कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों को धार देने की कोशिश की। एक तरफ स्टार प्रचारकों की बड़ी फौज के साथ बलूनी के बड़े कद का इम्तिहान है और दूसरी ओर गोदियाल के सामने खुद को अपने दम पर साबित करने की चुनौती खड़ी है।
पहली बार मैदान में दोनों प्रत्याशी
भाजपा और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी लोकसभा का चुनाव पहली बार लड़ रहे हैं। मोदी और शाह के करीबी माने जाने वाले अनिल बलूनी की मौजूदगी से इस सीट पर सबकी नजरें टिकी हैं।
भाजपा के लिए सीट बनी प्रतिष्ठा
भाजपा ने इस सीट को प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। लिहाजा उत्तराखंड में सबसे ज्यादा स्टार प्रचारक इसी सीट पर उतारे गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अप्रैल को गढ़वाल सीट से सटे ऋषिकेश में रैली की। इसके अलावा बलूनी के समर्थन में भाजपा के दिग्गज और केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत अन्य ने रैलियां कीं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस संसदीय क्षेत्र में छह जनसभाएं और कई रोड शो कर चुके हैं। भाजपा दिग्गज केंद्र में सरकार बनने पर बलूनी को मंत्रिमंडल में शामिल करने का संकेत दे चुके हैं। भाजपा हाईकमान से बलूनी की नजदीकी जगजाहिर हैं, स्टार प्रचारकों ने प्रदेश में सबसे ज्यादा तवज्जो बलूनी को ही दी।
वहीं दूसरी ओर गणेश गोदियाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। वे थलीसैंण की चुनावी जंग में भाजपा के ताकतवर नेताओं में शुमार डा. रमेश पोखरियाल निशंक को पराजित कर विधानसभा पहुंचकर चर्चा में आए थे। हरीश रावत के करीबी माने जाने वाले गोदियाल के पक्ष में कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी रामनगर में चुनाव रैली कर चुकी हैं।
मैदान में 13 प्रत्याशी
गढ़वाल संसदीय सीट पर कुल 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इनमें अनिल बलूनी भाजपा, गणेश गोदियाल कांग्रेस, धीर सिंह बसपा, आशुतोष नेगी उक्रांद, सुरेशी देवी पीपुल्स पार्टी आफ इंडिया डेमोक्रेटिव, श्याम लाल बहुजन मुक्ति पार्टी, विनोद कुमार शर्मा उत्तराखंड समानता पार्टी, रेशमा पंवार सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इंडिया कम्युनिस्ट, डा. मुकेश पंत सैनिक समाज पार्टी, अर्जुन सिंह अखिल भारतीय परिवार पार्टी, सोनू कुमार, मुकेश प्रकाश व दीपेंद्र सिंह नेगी निर्दलीय शामिल हैं।
भौगोलिक परिस्थिति विकट
सीट की दो विधानसभा कोटद्वार व रामनगर ही मैदानी हैं, अन्य क्षेत्रों में मतदाता तक पहुंचने के लिए प्रत्याशियों को मेहनत करनी पड़ रही है। इस सीट का एक सिरा कोटद्वार तो दूसरा थराली है जो कुमाऊं मंडल के बागेश्वर से लगा है। रामनगर विधानसभा सीट नैनीताल और देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र टिहरी जिले का हिस्सा है।
दलबदल कांग्रेस को चुनाव से पहले झटका
कांग्रेस को चुनाव पूर्व तब बड़ा झटका लगा, जब पिछला लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ने वाले मनीष खंडूड़ी ने पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। चुनाव की घोषणा के बाद पिछले विधानसभा चुनाव में पौड़ी से कांग्रेस के टिकट पर लड़े नवल किशोर, यमकेश्वर से लड़े शैलेंद्र रावत और चौबट्टाखाल से लड़े केशर सिंह नेगी भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गए। इसके बाद कांग्रेस के प्रचार में लगे बदरीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी भी अचानक भाजपाई हो गए। इस चुनाव के दौरान उत्तराखंड में सबसे ज्यादा दलबदल इसी सीट पर हुआ। कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका इसलिए भी था कि पांच जिलों में फैली इस संसदीय सीट की 14 विधानसभ सीटों में से बदरीनाथ में ही कांग्रेस के अकेले विधायक थे और वह भी भाजपाई हो गए।