Uttar Pradesh

तिरुपति के लड्डू में मिलावट के बाद प्रयागराज में बड़ा फैसला, नवरात्र में बाहर के प्रसाद पर बैन

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तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट के बाद यूपी के मंदिरों के बाहर मिलने वाले प्रसाद की जांच की गई। अब प्रयागराज में मंदिर में बाहर का प्रसाद चढ़ाने पर बैन लगाया गया है। मां ललिता देवी मंदिर में नवरात्र के दौरान बाहर का प्रसाद लाकर चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, प्रयागराजFri, 27 Sep 2024 05:04 AM
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तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट के बाद उसका असर प्रयागराज में भी दिखाई देने लगा है। तीन अक्तूबर से शारदीय नवरात्र का पर्व शुरू हो रहा है। ऐसे में शहर के प्रमुख शक्तिपीठ मंदिरों में से एक मीरापुर स्थित मां ललिता देवी मंदिर में नवरात्र के दौरान बाहर का प्रसाद लाकर चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। साथ ही इसको लेकर गुरुवार को मंदिर के मुख्यद्वार और पिलर पर पोस्टर चस्पा किया गया है। पोस्टर लगाकर भक्तों से अपील की गई है कि मां की आराधना के पर्व की अवधि में केवल मेवा, फल व फूल ही प्रसाद के रूप में चढ़ाया जा सकता है।

मंदिर प्रबंधन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि नवरात्र के दौरान मंदिर में बाहरी दुकानों से खरीदे हुए प्रसाद को न चढ़ाया जाए। मंदिर के मुख्य पुजारी पं. शिव मूरत मिश्र ने बताया कि नवरात्र की अवधि में मंदिर में लाखों श्रद्धालु जुटते हैं। ऐसे में भक्तों की आस्था को ठेस न पहुंचे। इसलिए मंदिर प्रबंधन की ओर से शुद्धता को देखते हुए बाहर से लाए गए प्रसाद पर रोक लगाने का निर्णयलियागयाहै। भक्त नारियल, फल और फूल का प्रसाद चढ़ा सकते हैं जो अन्य भक्तों को वितरित किया जा सके।

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वहीं बाकी मंदिरों में इसे जल्द लागू करने की योजना बनाई जा रही है। ललिता देवी मंदिर के मुख्य पुजारी शिवमूरत मिश्रा के मुताबिक मंगलवार को ही इस संबंध में पुजारियों की मीटिंग हुई। मीटिंग तिरुपति मंदिर में उठे लड्डुओं के विवाद को लेकर विचार विमर्श किया गया। कहा गया कि ये भक्तों की आस्था का मामला है, इसलिए किसी भी मिठाई विक्रेता पर मिलावट को लेकर भरोसा करना उचित नहीं है। यहां भी मिलावटी घी में लड्डू या मिठाइयां बनने की आशंका प्रबल है। इसलिए तय किया गया कि अब भगवान को मिठाई का भोग ही ना लगे। इसके स्थान पर भगवान को गुड़-चना, फल-फूल, नारियल या घर में पवित्र अवस्था में बनाए गए प्रसाद भी भोग स्वरुप अर्पित किए जा सकते हैं।



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